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पिता-पुत्र में बंट गई सपा, अखिलेश-रामगोपाल 6 वर्ष के लिए पार्टी से बाहर

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SP contoversyलखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आखिरकार सपा दो भागों में बंट गई। विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा को लेकर बीते कई दिनों से मची खींचतान के बीच सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पार्टी अनुशासन भंग करने का आरोप लगाते हुए अपने पुत्र और राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया।

अखिलेश के समर्थक और सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव की ओर से राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाए जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर मुलायम ने एक संवाददाता सम्मेलन बुलाकर अखिलेश के साथ-साथ रामगोपाल यादव को भी निष्कासित करने का एलान कर दिया। पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा के कुछ ही देर बाद अखिलेश के समर्थक सडक़ों पर उतर आए अखिलेश की तस्वीरों वाली तख्तियां लिए विरोध प्रदर्शन करने लगे।

पार्टी से निष्कासित करने के मुलायम के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए रामगोपाल ने कहा है कि उन्हें असंवैधानिक तरीके से पार्टी से बाहर निकाला गया है। मुलायम सिंह, अखिलेश को निष्कासित करने की घोषणा करते हुए भावुक नजर आए, हालांकि उन्होंने कहा कि अखिलेश राज्य के मुख्यमंत्री नहीं रहे और पार्टी फैसला करेगी कि अखिलेश की जगह मुख्यमंत्री कौन होगा।

मुलायम ने कहा, “दुनिया में ऐसी कोई पार्टी नहीं है, जिसमें एक पिता ने अपने बेटे के लिए इतना किया हो, जितना मैंने अखिलेश के लिए किया है। मैंने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाया। और अब वह मेरी राय तक नहीं लेता। मैंने पार्टी को बचाने के लिए अखिलेश को निष्कासित किया। उसका भविष्य रामगोपाल ने बर्बाद कर दिया है।”

जब उनसे पूछा गया कि उप्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला जल्द ही किया जाएगा। मुलायम ने कहा, “अखिलेश ने अनुशासनहीनता की, इसलिए उन्हें पार्टी से निकाला गया। रामगोपाल अखिलेश का भविष्य खत्म कर रहे हैं और अखिलेश उनकी चाल समझ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने जानबूझकर ऐसी स्थिति पैदा की।”

सपा अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं से रामगोपाल द्वारा बुलाई गई पार्टी के आपात सम्मेलन में शामिल न होने की अपील भी की। उन्होंने कहा, “रामगोपाल की तरफ से बुलाया गया पार्टी का सम्मेलन असंवैधानिक है, क्योंकि ऐसा अधिवेशन बुलाने का अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष को है। रामगोपाल ने ऐसा कर घोर अनुशासनहीनता की है। दो दिन के भीतर ही अन्य राज्यों से पदाधिकारी कैसे यहां पहुंचेंगे। रामगोपाल को और कड़ी सजा दी जाएगी।”

मुलायम ने कहा, “राष्ट्रीय अधिवेशन की घोषणा करते समय मुझसे अनुमति नहीं ली गई। अधिवेशन के लिए कम से कम 10 दिन का समय दिया जाना चाहिए था। रामगोपाल को अखिलेश का समर्थन प्राप्त था। लिहाजा, उन्हें भी छह वर्षो के लिए पार्टी से निकाला जाता है।” पार्टी से निष्कासित होने के बाद रामगोपाल ने पत्रकारों से कहा, “पार्टी के भीतर पूरा काम ही असंवैधानिक हो रहा है। जब मुझसे जवाब मांगा गया था, तब निकालने की क्या जरूरत थी। यह तो असंवैधानिक है।”

मुलायम पर पलटवार करते हुए रामगोपाल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष ने मिलकर टिकटों की घोषणा कर दी। क्या टिकट पर चर्चा करने के लिए संसदीय बोर्ड की बैठक कभी बुलाई गई? क्या संसदीय बोर्ड का कोई मतलब नहीं है? रामगोपाल ने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है और वह पूरा होगा। आपातकालीन अधिवेशन ऐसे ही बुलाया जाता है। उसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की जाती।

अखिलेश को पार्टी से निकाले जाने के बाद अखिलेश समर्थकों ने जमकर हंगामा किया और एक समर्थक ने आत्मदाह का भी प्रयास किया, जिसे हिरासत में ले लिया गया है। मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। अखिलेश समर्थकों ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पोस्टर फाड़े। इस दौरान लगभग 100 से अधिक विधायक और कई मंत्री मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर पहुंचे।

इस बीच अखिलेश की ओर से सपा नेता अतुल प्रधान ने बाहर आकर कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की। प्रधान ने अखिलेश के हवाले से कहा, “नेताजी के खिलाफ कोई भी अपशब्द का प्रयोग नहीं करेगा। आप लोग शांत रहिए। मुख्यमंत्री समय मिलने पर जरूर मिलेंगे।” मुलायम सिंह ने विधानसभा 2017 के लिए पहले 325 की सूची जारी की थी। इस सूची में अखिलेश के करीबियों का टिकट काट दिया गया था। इसके बाद अखिलेश ने भी बगावती सुर अपनाते हुए गुरुवार की देर रात 235 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी थी। नाटकीय घटनाक्रम में गुरुवार की ही देर रात शिवपाल यादव ने 68 प्रत्याशियों की दूसरी सूची भी जारी कर दी। बगावती सुर अखिलेश पर भारी पड़ गया।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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