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पुरस्कारों से अलंकृत होंगे 69 साहित्यकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दूधनाथ सिंह को भारत-भारती सम्मान सहित देश-विदेश के 69 साहित्यकारों को अलग-अलग विधाओं के पुरस्कारों से अलंकृत किया जाएगा। यह सुअवसर आएगा सात दिसंबर को और ‘सम्मान समारोह’ का आयोजन-स्थल होगा हिंदी भवन का यशपाल सभागार। उप्र हिंदी संस्थान के तत्वाधान में होने वाले इस समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एवं संस्थान के अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे। समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन और विशिष्ट अतिथि पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी होंगे।
संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह के निर्देशन में आयोजित होने वाले इस सम्मान समारोह में विभिन्न विधाओं के देश-विदेश के 69 साहित्यकारों को सम्मानित-पुरस्कृत किया जाएगा।
सम्मान समारोह के अवसर पर भारत-भारती सम्मान से दूधनाथ सिंह, लोहिया सम्मान से ममता कालिया, हिंदी गौरव सम्मान से डॉ. सुरेश गौतम, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान से चंद्रकांता, पं. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान से डॉ. कन्हैया सिंह, अवंतीबाई साहित्य सम्मान से लाखन सिंह भदौरिया ‘सौमित्र’ और राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान से असम राष्ट्रभाषा समिति, गुवाहाटी को पुरस्कृत किया जाएगा।
साहित्य भूषण सम्मान बैजनाथ शुक्ल ‘भव्य’, डॉ. राम सिंह यादव, डॉ. देवेंद्र दीपक, पुन्नी सिंह, डॉ. महावीर सरन जैन, डॉ. कुसुम खमानी, डॉ. शंभुनाथ, नुसरत नाहीद, जमुना प्रसाद उपध्याय तथा विभूति नारायण राय को प्रदान किए जाएंगे।
लोक भूषण सम्मान से जगदीश पीयूष, माला भूषण सम्मान से सरोजनी श्रीवास्तव, विद्या भूषण सम्मान से प्रो. (डॉ.) कृष्ण कुमार गोस्वामी, विज्ञान भूषण सम्मान से डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल, पत्रकारिता भूषण सम्मान से प्रो. राममोहन पाठक, प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्मान से प्रह्लाद रामशरण, बाल साहित्य भारती सम्मान से डॉ. दिविक रमेश, मधु लिमये साहित्य सम्मान से योगेंद्र द्विवेदी, पं. श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान समारोह से प्रेम जनमेजय, विधि भूषण सम्मान से डॉ. सुरेंद्र सहाय श्रीवास्तव सम्मानित होंगे।
सौहार्द सम्मान से डॉ. गुरुशरण कौर ‘जग्गी’ (पंजाबी), डॉ. रमेश यादव (मराठी), डॉ. अरबिम ब्रजकुमार शर्मा (मणिपुरी), डॉ. अजय कुमार पटनायक (उड़िया), डॉ. एम. गोविंदराजन (तमिल), डॉ. डीएन श्रीनाथ (कन्नड़), डॉ. बीना बुदकी (कश्मीरी), शकील सिद्दीकी (उर्दू), साधना सान्याल (बांग्ला), मुनुकुटल पद्माराव (तेलुगू), डॉ. एच. परमेश्वरन (मलयालम), डॉ. देवशंकर नवीन (मैथिली), एवं डॉ. भागीरथी प्रसाद त्रिपाठी ‘वागीश शास्त्री’ (संस्कृत) सम्मानित होंगे।
हिंदी विदेश प्रसार सम्मान डॉ. सुधा ओम ढींगरा तथा डॉ. कविता वाच्क्नवी एवं विश्वविद्यालय स्तरीय सम्मान डॉ. महेश आलोक एवं डॉ. सूर्यकांत को प्रदान किया जाएगा।
वर्ष 2013 में प्रकाशित पुस्तकों पर देय नामित पुरस्कार से डॉ. संगीता, डॉ. राम बहादुर मिश्र, ओंकारनाथ द्विवेदी, डॉ. भोला प्रसाद आग्नेय, दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी निर्भीक, डॉ. सुशील कुमार पाण्डेय ‘साहित्येंदु’, मो. असलम खान, डॉ. रोकेश रफीक, मीनाक्षी सिंह, अमरनाथ राय, माता प्रसाद त्रिपाठी, डॉ. कैलाश नाथ पांडेय, शीला रोहेधर शुक्ल व डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ‘संजय’ पुरस्कार होंगे।
इसी श्रेणी में डॉ. राजेश कुमार तिवारी, भगवती प्रसाद द्धिवेदी, धनंजय चोपड़ा, देव प्रसाद, सूर्यनाथ सिंह, ओमवीर तोमर, ऋत्विक राय, डॉ. पुष्पलता, डॉ. दामोदर दत्त दीक्षित, फौजदाार माली को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
IANS News
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल गुलाब चंद काटिया की तारीफ
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान वीरवार को मोहाली के डेराबस्सी के मुबारिकपुर में आयोजित जैन भगवती दीक्षा महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे थे। यह कार्यक्रम जैन समुदाय की तरफ से आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्य सरकार महान गुरुओं, संतों, ऋषियों, पैगंबरों और शहीदों के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए जनता के कल्याण और राज्य के विकास के लिए कार्य कर रही है। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और उनकी पत्नी भी मौजूद रहीं।
मुख्यमंत्री ने पंजाब के राज्यपाल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पंजाब के गर्वनर गुलाब चंद काटिया ने जब से प्रदेश के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक का कार्यभार संभाला है, तब से प्रदेश में बहुत अच्छी तरह से सरकार चल रही है और चंडीगढ़ प्रशासन भी चल रहा है। राज्यपाल काफी तजुर्बे वाले इंसान हैं। इसलिए वह ‘ मेकर भी हैं और उनके पास बहुत अनुभव है। क्योंकि राज्यपाल महोदय केंद्र में मंत्री रहे हैं, राजस्थान की राजनीति में उनका लंबा अनुभव है, एमपी और एमएलए भी रहे हैं। सीएम मान ने कहा कि राज्यपाल के तजुर्बे का मुझे भी फायदा मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह विभिन्न प्रकार के फूलों की विविधता आंखों को सुखद अनुभव देती है, उसी तरह हर समाज में हर धर्म का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार इस महान उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में सामुदायिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
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