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बिजनेस

पुरानी कार की सबसे अच्छी कीमत की गारंटी देता है कार्स24

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नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)| पुरानी कार बेचना हर किसी के लिए हमेशा से एक सिरदर्द रहा है लेकिन देश के अग्रणी ऑटोमोबाइल पोर्टल-कार्स24 के माध्यम से यह एक सुखद: अनुभव साबित हो सकता है। दो साल पहले स्थापित कार्स24 पुराने कार बेचने वालों को सुखद: अनुभव की गारंटी देता है। कार्स24 के पास अपनी पुरानी कार लेकर आने वाले 24 मिनट के अंदर अपनी कार की मनमाफिक कीमत लेकर घर जाते हैं। कार्स24 देश में पुरानी कारों को बेचने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया है। अपनी पुराने कार बेचने की इच्छा रखने वाले को सिर्फ अपनी कार लेकर कार्स24 के पास आना है और इसके आगे की सारी प्रक्रिया कार्स24 द्वारा पूरी की जाती है। खुद से पुरानी कार बेचना किसी के लिए भी काफी समय खपाऊ अनुभव हो सकता है लेकिन कार्स24 ने इसे बेहद सरल बनाकर न सिर्फ लोगों का समय बचाया है बल्कि उन्हें उनकी कार की सबसे उपयुक्त कीमत भी दिलाता है।

तो कैसे करता है कार्स24 यह सब? अगर किसी को अपनी पुरानी कार बेचनी है तो उसे कार्स24 के 54 में से किसी भी ब्रांच में अप्वांटमेंट लेना होगा। इसके बाद उसे अपनी कार लेकर कार्स24 के ब्रांच में आना होगा, जहां उसके आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) की जांच के बाद कार की वैज्ञानिक विधि से जांच की जाएगी।

इसके बाद कार की एक रिपोर्ट तैयार होगी, जिसे कार्स24 से जुड़े 10 हजार अधिकृत वेंडरों के सामने ऑनलाइन रखा जाएगा। इनमें से जो वेंडर कार की सबसे अधिक कीमत लगाएगा, कार्स24 वही कीमत कार मालिक को देगा। कार्स24 के वेंडर बेची जाने वाली कार की विस्तृत वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर उसकी कीमत निर्धारित करते हैं।

जैसे ही कोई वेंडर कार की सबसे उचित कीमत लगाता है, कार्स24 बिना देरी किए उतने रकम का चेक कार मालिक को दे देता है। इसके बाद की सारी प्रक्रिया, मसलन आरटीओ से पेपर ट्रांसफर कराना इत्यादि का झंझट कार मालिक का नहीं होता है बल्कि कार्स24 इसका ख्याल रखता है। कार बेचने वाला चेक लेकर बिना किसी झंझट के अपने घर जा सकता है।

कार्स24 के पास आने वाली कार की वैज्ञानिक विधि से जांच होती है। इसमें इंजन की हालत, टायर की हालत, पेंट की हालत और यहां तक की इंटीरियर की हालत की जांच की जाती है और कार का टेस्ट राइड करके इसकी रिपोर्ट साथ ही साथ कार्स24 के ऐप पर अपलोड कर दिया जाता है।

जांच के लिए आधुनिक गेजेट उपयोग में लाए जाते हैं। रिपोर्ट को ऐप पर अपलोड करने के बाद उसे ऑनलाइन नीलामी में शामिल किया जाता है, जिसमें एक समय में लगभग 2500 (कार्स24 के 10 हजार वेंडरों में से) वेंडर शामिल होते हैं। ये वेंडर कार की हालत के हिसाब से उसकी कीमत लगाते हैं और सबसे अच्छी कीमत लगाने वाला वेंडर उसे खरीद लेता है और यह कीमत कार मालिक को दे दी जाती है।

कार्स24 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विक्रम चोपड़ा का कहना है कि नई कारों की तरह पुरानी कारों के साथ कोई प्राइस टैग नहीं होता और इसी कारण कार बेचने वाले को इसकी सही कीमत का अंदाजा नहीं होता। कार्स24 उसे इसी मुश्किल से निकालता है और कार की हालत के हिसाब से उसे सबसे जायज कीमत और वह भी बिना किसी मुश्किल के दिलाता है।

विक्रम ने बताया कि भारत में हर साल लगभग 40 लाख पुरानी कारें खरीदी और बेची जाती हैं। दूसरी ओर, साल भर में लगभग 25 से 30 लाख नई कारें बेची जाती हैं। बीते पांच साल में पुराने कार बाजार में जोरदार उछाल आया है। पांच साल पहले यह आंकड़ा 10 से 15 लाख था लेकिन अब 40 लाख के करीब है। आने वाले पांच साल में भारत में पुरानी कारों का बाजार 100 अरब डॉलर का हो जाएगा। आज यह 20 अरब डॉलर का है।

विक्रम ने कहा, कार्स24 पुरानी कारों को बेचने का सबसे सरल रास्ता दिखाता है। यह कार मालिक को बेस्ट प्राइस की गारंटी देता है और पेमेंट बिना देरी किए (24 मिनट) में कर दी जाती है। साथ ही कार मालिक को आरसी ट्रांसफर व अन्य कार्यो से भी मुक्त रखा जाता है। यह सब कार्स24 करता है। हमने बीते दो साल में तकरीबन 30 हजार से अधिक कारें बेचने के बाद हासिल अनुभव के आधार पर अपने काम करने के तरीके में कई सुधार किए हैं लेकिन हमारा एक मकसद हमेशा अटल रहता है और वह है, कार बेचने वाले को बिना किसी दिक्कत के सबसे उपयुक्त कीमत दिलाना।

आज कार्स24 के देश भर में 54 ब्रांच हैं और यह दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरू सहित सभी बड़े शहरों से कारोबार कर रहा है। साथ ही साथ यह छोटे और मझौले शहरों में भी अपनी पैठ बनाना चाहता है। कार्स24 के 10 हजार रजिस्टर्ड वेंडर देश के सभी छोटे-बड़े शहरों से हैं और एक समग्र नेटवर्क के माध्यम से कार्स24 के नारे-‘कार बेचो, बेस्ट प्राइस में’- को फल बनाने में जुटे हैं।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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