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प्रादेशिक

पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास आवंटन पर उप्र सरकार से जवाब तलब

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The Supreme Court of India

The Supreme Court of India

नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास आवंटित करने से संबंधित कानून को चुनौती देने वाली एक याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मंगलवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन लोक प्रहरी की ओर से दायर याचिका पर यह नोटिस जारी किया।

याचिका में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास आवंटित करने के लिए कानून में किए गए संशोधन को चुनौती दी गई है।

लोक प्रहरी के महासचिव और पूर्व नौकरशाह एस. एन. शुक्ला शिकायकर्ता के तौर पर सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे।

गौरतलब है कि कानून में संशोधन कर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व आदेश को निष्प्रभावी कर दिया गया, जिसमें शीर्ष अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास आवंटित करने पर रोक लगा दी थी।

अदालत ने राज्य के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने सरकारी आवास खाली करने का निर्देश दिया था।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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