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बिजनेस

पेटीएम ने छोटे व्यापारियों के लिए शुरू किया पीओएस

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पेटीएम ने छोटे व्यापारियों के लिए शुरू किया पीओएस, भारत को बहुत नवीन मोबाइल पीओएस मशीन की जरूरत है, वर्तमान में डेबिट/क्रेडिट कार्ड वाले 75 करोड़ से अधिक, भारतीय उपभोक्ताओं को सेवा देने के लिए देश भर में केवल 14 लाख पीओएस टर्मिनल है, पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय शेखर शर्मा ने कहा, भारत को बहुत नवीन मोबाइल पीओएस मशीन की जरूरत है

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पेटीएम ने छोटे व्यापारियों के लिए शुरू किया पीओएस, भारत को बहुत नवीन मोबाइल पीओएस मशीन की जरूरत है, वर्तमान में डेबिट/क्रेडिट कार्ड वाले 75 करोड़ से अधिक, भारतीय उपभोक्ताओं को सेवा देने के लिए देश भर में केवल 14 लाख पीओएस टर्मिनल है, पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय शेखर शर्मा ने कहा, भारत को बहुत नवीन मोबाइल पीओएस मशीन की जरूरत है

                                      पेटीएम

नई दिल्ली | पेटीएम ने छोटे और मध्यम व्यापारियों को रूपे, वीजा, मास्टरकार्ड और मैस्ट्रो सहित सभी कार्ड से भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाने के लिए पीओएस (प्वाइंट आफ सेल) शुरू करने के लिए अपने एप्लिकेशन को अपडेट किया।

नई अपडेट की गई एप्लिकेशन पर ‘भुगतान स्वीकार करें’ आइकन के तहत, छोटे दुकानदार और व्यवसायी अपने विवरण की स्वयं घोषणा कर सकते हैं और तुरंत भुगतान प्राप्त करना शुरू करने के लिए बैंक खाते का विवरण दे सकते हैं।

पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय शेखर शर्मा ने कहा, “भारत को बहुत नवीन मोबाइल पीओएस मशीन की जरूरत है और पेटीएम को पहले से ही कई व्यापारियों के द्वारा स्वीकार किया गया है। अन्य सभी भुगतान नेटवर्क के लिए हमारे व्यापारी नेटवर्क का विस्तार कर, बहुत सारे भारतीयों के लिए डिजिटल भुगतान सक्षम कर रहे हैं।”

कंपनी का लक्ष्य शून्य सेटअप शुल्क और शून्य आरंभिक लेनदेन प्रोसेसिंग शुल्क से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान स्वीकारने के लिए देश भर में 15 लाख से अधिक व्यापारियों को सशक्त बनाना है।

विजय ने कहा, “हम भुगतान को लोकतांत्रिक और छोटे व्यापारियों को उनके ग्राहकों से क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान स्वीकार करके सशक्त बनाने के मिशन पर हैं। हमें अपनी अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण के लिए योगदान करने में मदद करने पर बहुत गर्व है।”

ग्राहकों और व्यापारियों के एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र के समर्थन से, कंपनी वर्तमान में सालाना 30,000 करोड़ रुपये की जीएमवी के लिए औसतन पांच लाख रुपये लेनदेन दर्ज कर रही है।

वर्तमान में डेबिट/क्रेडिट कार्ड वाले 75 करोड़ से अधिक भारतीय उपभोक्ताओं को सेवा देने के लिए देश भर में केवल 14 लाख पीओएस टर्मिनल है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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