बिजनेस
पैनासोनिक ने लांच किया 2-इन-1 टफबुक
नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| जापानी प्रौद्योगिकी कंपनी पैनासोनिक ने शुक्रवार को 2-इन-1 टफबुक सीएफ-33 पेश किया। इसकी खासियत है यह है कि इसे जब चाहें कीबोर्ड से अलग किया जा सकता है। इस तरह यह लैपटॉप के साथ ही टैबलेट के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी कीमत 2.70 लाख रुपये रखी गई है।
कंपनी ने दावा किया गया है कि यह अपनी तरह का दुनिया का पहला उत्पाद है और इसके लिए पीसी डिजाइन एवं मैनुफैक्च रिंग में 20 सालों तक इनोवेशन किया गया है।
पैनासोनिक इंडिया के बिजनेस हेड (सिस्टम एवं सॉल्यूशंस बिजनेस) विजय वाधवन ने कहा, पुराने भारी लैपटॉप में सुरक्षा, पोर्टेबिलिटी की समस्याएं होती हैं और वो ज्यादा मजबूत भी नहीं होते। हम समय के साथ ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ कंप्यूटिंग समाधान प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह डिवाईस यूटिलिटीज एवं टेलीकम्युनिकेशंस में पुलिस, इमरजेंसी सेवाओं, सरकारी एजेंसियों, डिफेंस, फील्ड सर्विस कर्मचारियों, मेंटेनेंस और सर्विस तकनीशियनों के लिए उपयोगी है।
यह लेटेस्ट 2-इन-1 डिटैचेबल डिवाइस पैनासोनिक की सबसे ज्यादा बिकने वाली टफबुक सीएफ-31 और सीएफ-20 का विकसित रूप है और लेटेस्ट जनरेशन के इंटेल कोर वीप्रो प्रोसेसर से लैस। यह विंडोज प्रो के साथ आती है।
टफबुक सी-33 स्टीरियो माईक्रोफोन के साथ 2 मेगापिक्सल के वेबकैम से सुसज्जित है और इसमें 8 मेगापिक्सल का डाक्युमेंटेशन रियर कैमरा यूजर्स को इमेज कैप्चर करने की सुविधा प्रदान करता है।
टफबुक एवं टफपैड डिवीजन के बिजनेस हेड गुंजन सचदेव ने कहा, सीएफ-33 मजबूत क्वालिटी, लाईटवेट एवं लैपटॉप के डिटैचेबल गुणों के कारण यह उन कॉपोर्रेशनों के लिए उत्तम हैं, जो अपने कंप्यूटिंग उपकरणों से ज्यादा प्रदर्शन चाहते हैं। पैनासोनिक के पास भारत में 65 प्रतिशत का बाजार अंश है और टफबुक एवं टफपैड सीरीज में नए उत्पादों के साथ हम अपना बाजार अंश 70 प्रतिशत के पार ले जाना चाहते हैं।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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