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फीफा विश्व कप : 36 साल बाद मिले मौके को भुनाना चाहेगा पेरू

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सरांस्क (रूस), 15 जून (आईएएनएस)| फीफा विश्व कप में 36 साल बाद वापसी कर रहा पेरू शनिवार को ग्रुप सी के अपने पहले मुकाबले में यूरोपीय देश डेनमार्क को हराकर टूर्नामेंट के 21वें संस्करण की सकारात्मक शुरुआत करना चाहेगा।

मोडरेविया एरीना में देनों देशों के बीच फुटबाल का यह पहला मुकाबला होगा। पेरू ने आखिरी बार 1982 में हुए विश्व कप में हिस्सा लिया था और इतने वर्षो बाद एक बार फिर वह इस टूर्नामेंट के अहम पलों को जीने के लिए तैयार है।

कोनमेबोल में किसी तरह जद्दोजहद करते हुए पांचवां स्थान हासिल करने के बाद पेरू ने विश्व कप क्वालीफायर के प्लेऑफ में न्यूजीलैंड को हराकर मुख्य टूर्नामेंट में 36 साल बाद प्रवेश किया। यह पल पेरू के लिए जश्न का पल रहा।

पेरू के लिए सबसे खुशी की बात उसके स्टार खिलाड़ी कप्तान पाउलो गुएरेरो का टीम में दोबरा शामिल होना है। प्रतिबंधित दवा के सेवन के आरोप के कारण गुएरेरो को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से पहले उन्हें वापस टीम में शामिल कर लिया गया। वह राष्ट्रीय टीम के इतिहास में सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं।

टीम के अटैक की जिम्मेदारी फारवर्ड जेफरसन फारफान के कंधों पर होगी, जिन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए प्लेऑफ के मैच में गोल दागकर टीम को विश्व कप में प्रवेश हासिल करने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, एडिसन फ्लोरेस और क्रिस्टियन कुएवा भी टीम के लिए अहम खिलाड़ी हैं।

दूसरी ओर, वर्ष 1998 में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली डेनमार्क इंग्लिश क्लब टोटेनहम हॉटस्पर से खेलने वाले स्टार मिडफील्डर क्रिस्टियन एरिक्सन के दम पर टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करना चाहेगी।

कप्तान सिमोन काएर के नेतृत्व वाली डेनमार्क ने पिछले साल नवंबर में आयरलैंड को 5-1 से हराकर विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया है। कोच ओगे हेराइड की टीम के पास कैस्पर श्माइकल जैसा गोलकीपर तो वहीं आंद्रेस क्रिस्टेंसन जैसा डिफेंडर है जो आसानी से गेंद को अपने नियंत्रण में रख सकते हैं।

इसके अलावा थोमस डेलने और विलियम क्वीस्त भी छह फुट लंबे खिलाड़ी हैं जिसका फायदा टीम को मिल सकता है। मिडफील्ड में विपक्षी टीमों को एरिक्सन के लंबे शॉट से बचकर रहना होगा।

टीम :

डेनमार्क :- गोलकीपर- कैस्पर श्माइकल, जोनास लोस्सल, फेडेरिक रोनबो

डिफेंडर- सिमोन काएर, आंद्रेस क्रिस्टेनसन, माथियास जोर्गेनसन, जानिक वेस्टरगार्ड, हेनरिक डाल्सगार्ड, जेंस स्ट्रेगर लार्सेन, जोनास नु़डसेन

मिडफील्डर : विलियम क्विस्ट, थोमस डेलाने, लुकास लेरागर, लासे शोने, क्रिस्टियन एरिकसन, मिशेल क्रोन-डेली

स्ट्राइकर : पियोने सिस्टो, मार्टिन ब्राथवैट, आंद्रेस कोर्निलियुस, विक्टर फिश्चेर, युसुफ पोल्सन, निकोलाई जोर्गेनसन, कास्पर डोलबर्ग।

पेरू:- गोलकीपर : पेद्रो गालेसे, कार्लोस सासेडा और जोस कार्वालो।

डिफेंडर : एल्डो कोजरे, लुइस एडविनाकुला, मिगुएल अराजुओ, एल्बटरे रोड्रिगेज, क्रिस्टियन रामोस, एंडरसन सेंटामारिया, निल्सन लोयोला, मिगुएल ट्राउको।

मिडफील्डर : रेनाटो टापिया, प्रेडो एक्विनो, योशिमार योतुन, एडिसन फ्लोरेस, पाउलो हुर्तादो, विल्डर काटार्गेना, क्रिस्टन कुएवा, एंडी पोलो।

फारवर्ड : आंद्रे कारिलो, जेफरसन फारफान, राउल रुइडियाज, पाउलो गुएरेरो।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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