साइंस
फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा अभी भी असुरक्षित : रपट
लंदन, 30 मार्च (आईएएनएस)| ब्रिटिश परामर्शदाता कंपनी कैंब्रिज एनलिटिका के दावों के बावजूद कि उसने 5.5 करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा डिलीट कर दिए हैं, डेटा का बहुत बड़ा भाग अभी भी नियंत्रण से बाहर है।
ब्रिटेन के ‘चैनल 4 न्यूज’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कैंब्रिज एनलिटिका के एक सूत्र के विवरण से अमेरिका के कोलोराडो राज्य के 136,000 लोगों के डेटा ‘हर व्यक्ति के व्यक्तित्व व मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल के साथ गुप्त जगह पर हैं।’
रपट में कहा गया है, कैंब्रिज एनलिटिका द्वारा 2014 की तारीख से डेटा का इस्तेमाल आसानी से प्रभावित होने वाले निवासियों को विशेष संदेश देने के लिए किया गया।
इससे पहले कैंब्रिज एनलिटिका ने दावा किया था कि उसने पब्लिक डोमेन से डेटा को खत्म कर दिया है।
कंपनी ने उपभोक्ताओं का डेटा एक फेसबुक एप से सालों पहले प्राप्त किया था, जिसे तथाकथित तौर पर एक मनोवैज्ञानिक शोध उपकरण बताया गया था। हालांकि, कंपनी उस सूचना के लिए अधिकृत नहीं थी।
कैंब्रिज एनलिटिका पर ब्रिटेन के 2016 के ब्रेक्सिट जनमत संग्रह व 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के परिणाम पर असर डालने का आरोप है। अमेरिकी चुनाव परिणाम पर असर की वजह से डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस पहुंच गए।
ब्रिटिश संसद के समक्ष हाल में अपनी उपस्थिति के दौरान पूर्व कैंब्रिज एनलिटिका के प्रोग्रामर क्रिस्टोफर वाइली ने यह कहकर स्तब्ध कर दिया कि निसंदेह उनके पूर्व नियोक्ता ने ब्रेक्सिट जनमत संग्रह में और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में गड़बड़ी की और कानून को तोड़ा।
साइंस
फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में
नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।
होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
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