साइंस
फेसबुक खुद को ‘रेगुलेट’ करने में काफी देर कर चुकी : टिम कुक
सैन फ्रांसिस्को, 29 मार्च (आईएएनएस)| फेसबुक को बहुत पहले ही खुद को रेगुलेट (विनियमित) कर लेना चाहिए था, क्योंकि अब उनके लिए बहुत देर हो चुकी है।
एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक ने यह बात दोहराई। रीकोड और एमएसएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार (जो 6 अप्रैल को प्रसारित होगा) में कुक ने फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग और अन्य को ग्राहक के डेटा से राजस्व कमाने को लेकर निंदा की।
कुक ने कहा कि वह पसंद करेंगे कि फेसबुक और अन्य निजी आंकड़ों के प्रयोग करते हुए ‘लोगों के विस्तृत प्रोफाइल बनाने.. विभिन्न स्थानों से जानकारी एकत्र कर उन्हें एक साथ जोड़ने’ पर लगाम लगाए।
कुक ने कहा, मैं समझता हूं कि सबसे बढ़िया नियमन आत्म-नियमन है। हालांकि मुझे लगता है कि हम उससे आगे निकल चुके हैं।
एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा, सच्चाई यह है कि हम हमने ग्राहकों का डेटा बेचकर अरबों-खरबों डॉलर कमा सकेत हैं, अगर हम अपने ग्राहकों को उत्पाद मानें। हमने ऐसा नहीं करना चुना है।
यह पूछे जाने पर कि अगर वे जकरबर्ग की जगह पर होते तो क्या करते। उन्होंने कहा, मैं ऐसी स्थिति में नहीं होता।
कैम्ब्रिज एनालिटका डेटा लीक मामले के खुलासे से पता चलता है कि फेसबुक ने अपने यूजर्स के आंकड़ों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया। कुक ने इससे पहले भी डेटा सुरक्षा को अधिक कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया था।
चीन डेवलमेंट फोन की सालाना बैठक में चीन में उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि स्थिति बहुत खराब है और यह इतनी बड़ी हो गई है कि अच्छी तरह तैयार किए गए विनियमन की जरूरत है।
साइंस
फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में
नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।
होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
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