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उप्र : विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश, विपक्ष का हंगामा

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 बजट लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 25347.87 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। इससे पूर्व सदन के भीतर जमकर हंगामा देखने को मिला। बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने सूबे में कानून-व्यवस्था खराब होने का आरोप लगाया और जमकर हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर हंगामा कर रहे सदस्यों को सदन से बाहर किया गया। मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपराह्न् 12.20 बजे विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की, विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीचो-बीच पहुंच कर हंगामा करने लगे।

बसपा और भाजपा के सदस्य हालांकि सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सदन के बीच में पहुंचकर हंगामा करने लगे। पांच मिनट बाद सदन में सभापति पहुंचे। इस पर आपत्ति जताते हुए संसदीय कार्य मंत्री आजम खान ने कहा कि जब सदन की कार्यवाही शुरू ही नहीं हुई, तब ये विधायक सदन के मध्य कैसे पहुंच गए। यह सही नहीं है।

आजम ने विधानसभा अध्यक्ष से विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। आजम ने कहा कि वह इन विधायकों के खिलाफ सदन में एक प्रस्ताव पेश करते हैं कि इन विधायकों को बाहर किया जाए।

आजम ने कहा, “ये लोग सदन के भीतर और बाहर जानबूझकर माहौल खराब करना चाहते हैं। इसमें बसपा व भाजपा की मिलीभगत है। ये लोग आपस में मिलकर सूबे में दंगा कराना चाहते हैं।”

इस पर माता प्रसाद पांडेय ने सदन के भीतर तैनात मार्शल को हंगामा कर रहे विधायकों को बाहर करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है। इन्हें बाहर करिए।

इसके बाद मार्शलों ने हंगामारत बसपा, कांग्रेस और भाजपा के विधायकों को किसी तरह बाहर निकाला।

बाहर निकलने के बाद भाजपा की ओर से धर्मपाल सिंह ने पत्रकारों से कहा, “पहली बार उप्र विधानसभा में लोकतंत्र का गला घोंटा गया है। सदस्य शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग उठा रहे थे, लेकिन उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर बाहर निकाल दिया गया।”

सिंह ने कहा, “उप्र में महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। राजमार्ग पर दुष्कर्म हो रहा है, लेकिन उप्र सरकार पूरी तरह अनजान बनी हुई है। विधानसभा के भीतर और बाहर जनता की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। अखिलेश सरकार ने दयाशंकर सिंह को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन वह मायावती के नेताओं पर हाथ नहीं डाल रही है।”

फेफना से भाजपा विधायक उपेंद्र तिवारी ने विधानसभा में नरही गोलीकांड का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।

विधानसभा में बसपा के विधायक दल के नेता गयाचरण दिनकर ने कहा, “सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के इशारे पर लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की गई है। जनता का प्रतिनिधि होने के नाते विधायक उनकी आवाज को सदन में उठाना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया गया।”

उन्होंने कहा कि पार्टी ने नियम 311 के तहत सदन में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की थी, लेकिन सरकार बहस से बचना चाह रही थी, इसीलिए उसके इशारे पर विधायकों को मार्शलों के सहयोग से बाहर निकाल दिया गया।

विधानसभा में कांग्रेस के नेता प्रदीप माथुर ने कहा, “विगत साढ़े चार वर्षो में पहली बार सदन में लोकतंत्र की हत्या की गई है। कांग्रेस के तीन विधायकों पंकज मलिक, वंशी पहाड़िया और अजय सिंह लल्लू को धक्का देकर बाहर निकाल दिया गया।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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