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बिजनेस

बजट सत्र में तय होगा अन्नाद्रमुक सरकार का भविष्य : दिनाकरन

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चेन्नई, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)| तमिलनाडु में आर. के. नगर विधानसभा उपचुनाव में जीतकर आए टी. टी. वी. दिनाकरन ने शुक्रवार को दावा किया कि अगले साल फरवरी-मार्च के दौरान बजट सत्र के दौरान प्रदेश में अन्नाद्रमुक सरकार का भविष्य तय हो जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद यह सीट रिक्त हुई थी जिसपर हुए उपचुनाव में दिनाकरन बतौर निर्दलीय उम्मीदवार भारी मतों से विजयी हुए हैं। दिनाकरन को विधानसभाध्यक्ष पी. धनपाल ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ दिलाई।

बाद में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनको समर्थन देने वाले 19 विधायकों को अयोग्य करार देने के खिलाफ दायर मामले में उच्च न्यायालय का आदेश जनवरी के अंत तक आ जाएगा, जिसके बाद फरवरी या मार्च में शक्ति परीक्षण होगा।

दिनाकरन का दावा है कि सत्ताधारी अन्नाद्रमुक के अधिकांश विधायकों का उनको समर्थन प्राप्त है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा, शक्ति परीक्षण के दौरान हमारे स्लीपर सेल काम करेंगे और जन विरोधी विश्वासघाती सरकार के शासन का अंत होगा।

मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम एवं कुछ मंत्रियों की आलोचना करते हुए उन्होंने खुद को ‘असली अन्नाद्रमुक’ का प्रतिनिधि बताया और कहा कि पार्टी का काडर जेल में सजा भुगत रहीं नेता वी. के. शशिकला की अगुवाई में उनके साथ हैं।

दिनाकरन ने कहा कि उन्होंने दिवंगत नेता जयललिता के नाम पर लोगों से वोट मांगे थे और उनके अच्छे कार्यो को जारी रखने के लिए उन्हें भारी जनादेश मिला।

सत्ताधारी अन्नाद्रमुक पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, वे (भाजपा) आपको चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम दिला सकते हैं, लेकिन जनता से वोट नहीं दिला सकते।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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