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बिहार कला पुरस्कार से सम्मानित हुए राज्य के 24 कलाकार

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पटना, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार राज्य के विभिन्न विधाओं के चुनिंदा 24 कलाकारों को बुधवार को यहां राज्य के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित एक समारोह में ‘बिहार कला पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इन कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इससे पहले इस कार्यक्रम की शुरुआत मोदी और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि तथा बिहार सरकार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने की।

इस मौके पर मोदी ने ऐसे आयोजनों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, पश्चिमी प्रभाव के युग में आज अपनी लोक कलाओं, संस्कृति व विरासत को संभाल कर रखने की चुनौतियां हैं। इस तरह के आयोजनों से ही हम अपनी विरासत को बचा सकते हैं।

उन्होंने कहा, हमारी कला एवं संस्कृति में इतनी ताकत है कि कोई भी बाहरी प्रभाव इसको प्रभावित नहीं कर सकता है। इसका उदाहरण रामायण और महाभारत की कथाएं है, जो सैकड़ों वर्ष से आज भी उसी तरह प्रासंगिक हैं।

कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री ऋषि ने कहा कि कला संस्कृति को जन-जन तक ले जाने के लिए विभाग द्वारा बड़े स्तर पर काम किए जा रहे हैं। उसके संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी सोच से बना बिहार म्यूजियम उदाहरण है।

बिहार कला पुरस्कार 2017-18 के तहत राष्ट्रीय सम्मान से जहां डॉ. शारदा सिन्हा (प्रदर्श कला), परेश मैती (चाक्षुस कला) से सम्मानित किया गया वहीं लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान के तहत किरण कांत वर्मा (प्रदर्श कला) तथा प्रो. श्याम शर्मा (चाक्षुस कला) को पुरस्कृत किया गया।

चाक्षुष कला के क्षेत्र के तहत राधा मोहन पुरस्कार वरिष्ठ ग्रुप में बिरेंद्र कुमार सिंह को जबकि युवा ग्रुप में अमृत प्रकाश को तथा कुमुद शर्मा पुरस्कार (समकालीन महिला) के तहत वरिष्ठ ग्रुप में संजु दास को तथा युवा ग्रुप में निम्मी सिन्हा को दिया गया।

सीता देवी पुरस्कार (लोक कला) वरिष्ठ ग्रुप में रविंद्र नाथ गौड़ को जबकि युवा ग्रुप में ममता भारती और दिनकर पुरस्कार (चाक्षुस कला लेखन) वरिष्ठ ग्रुप में ज्योतिषचंद्र शर्मा को तथा युवा गुप में सुनील कुमार को दिया गया। इसी तरह प्रदर्शन कला के क्षेत्र में पं. रामचतुर मल्लिक पुरस्कार (शास्त्रीय गायन) वरिष्ठ ग्रुप में रेखा दास को जबकि युवा ग्रुप में संतोष कुमार को सम्मानित किया गया।

इसके अलावा भिखारी ठाकुर (रंगमंच) के तहत वरिष्ठ ग्रुप में मिथिलेश राय को जबकि युवा ग्रुप में बुल्लू कुमार और विंध्यवासिनी देवी पुरस्कार (लोक गायन) वरिष्ठ ग्रुप में सत्येंद्र कुमार संगीत और युवा ग्रुप में श्वेत प्रीति को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा, यक्षिणी हमारे कला के उत्कर्ष का प्रतीक है। राज्य सरकार के कला संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग, सूचना एवं जन संपर्क विभाग और राजस्व विभाग द्वारा साल भर में 100 से ज्यादा महोत्सव सिर्फ इसलिए मनाया जाता है कि बिहार के लोग अपनी सभ्यता-संस्कृति से जुड़े रहें।

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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