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प्रादेशिक

बिहार को विकसित बनाने के लिए सभी करें योगदान : रामनाथ कोविंद

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बिहार को विकसित बनाने के लिए सभी करें योगदान : रामनाथ कोविंद

पटना | बिहार में 68वें गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया गया। यहां राज्य के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने ध्वाजारोहण किया और लोगों को संबोधित किया। उन्होंने लोगों से बिहार को विकसित राज्य बनाने में योगदान करने की अपील करते हुए कहा कि सरकार का मूल संकल्प सर्वागीण विकास है।

कोविंद ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में कानून का राज है और यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। बगैर भेदभाव के अपराध नियंत्रण का काम जारी है।

राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति लागू की गई है। नागरिकों को कानूनी अधिकार देकर देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है। आर्थिक अपराध इकाई भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और अवैध तरीके से कमाई गई संपत्तियां जब्त की जा रही हैं।

उन्होंने कहा, “सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए भी कई कदम उठाए हैं। स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए तथा आवश्यक सुविधा को लेकर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार शिक्षा में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए संकल्पित है।”

इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा मंत्रिपरिषद के कई सदस्य एवं राज्य के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले कोविंद ने मैदान में परेड की सलामी ली।

इस मौके पर बिहार की गाथा को प्रदर्शित करती 11 विभिन्न विभागों की ओर से झांकियां भी निकाली गईं। इनमें सर्वश्रेष्ठ तीन झांकियों को पुरस्कृत भी किया गया।

गांधी मैदान पहुंचने से पहले राज्यपाल ने कारगिल चौक पहुंचकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर तिरंगा फहराया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर ध्वाजारोहण किया।

गणतंत्र दिवस के मौके पर गांधी मैदान में अभूतपूर्व सुरक्षा के प्रबंध किए गए थे। राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तथा संवेदनश्ील इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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