Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

बिहार : बीपीएससी अब सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं करेगा

Published

on

बिहार, विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति, बिहार लोक सेवा आयोग, विश्वविद्यालय सेवा आयोग

Loading

बिहार, विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति, बिहार लोक सेवा आयोग, विश्वविद्यालय सेवा आयोग

bihar public service commission

पटना| बिहार के विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति अब बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की जगह विश्वविद्यालय सेवा आयोग करेगा। सरकार जल्द ही आयोग के गठन की घोषणा करेगी। राज्य के शिक्षामंत्री डॉ़ अशोक चौधरी ने सोमवार को पटना के साइंस कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी घोषणा की और कहा कि दिसंबर, 2017 तक की रिक्तियों के आधार पर सहायक प्रोफेसर के सभी खाली पद भरे जाएंगे। अगले साल जून-जुलाई तक बहाली प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने कहा, “बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में अगले वर्ष जून-जुलाई तक सहायक प्रोफेसरों की बहाली प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों से दिसंबर, 2017 तक की रिक्तियां मांगी गई हैं। एक महीने के अंदर सभी विश्वविद्यालयों को यह ब्योरा उपलब्ध करा देना है।”

उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय दिसंबर 2017 तक खाली होने वाले रिक्त पदों की जानकारी भी शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा, “बिहार लोक सेवा आयोग ने पिछली बार जो रिक्तियां जारी की, उसकी बहाली प्रक्रिया पूरी करने में देर कर चुकी है, बीपीएससी के पास पहले से भी कई काम लंबित हैं।” उल्लेखनीय है कि बिहार में वर्ष 2003 के बाद किसी भी विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हुई है। पिछले दिनों बीपीएससी ने सहायक प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया में आठ विषयों के लिए साक्षात्कार कराया था। मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन विषयों के साक्षात्कार हो गए हैं, उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending