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मुख्य समाचार

बिहार : मां-बेटी सामूहिक दुष्कर्म मामले में 2 गिरफ्तार, फांसी की मांग

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गया, 15 जून (आईएएनएस)| बिहार के गया जिले में एक शख्स के सामने ही उसकी पत्नी और बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

इधर, पीड़िता ने दोषियों के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की है। 15 वर्षीय पीड़िता ने शुक्रवार को कहा कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए, जिससे फिर किसी बेटी के साथ ऐसी घटना न घटे।

पीड़िता के पिता ने भी दरिंदों को फांसी दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा, मेरा तो सबकुछ लूट चुका है, लेकिन ऐसी सजा दी जाए कि दरिंदे किसी और के साथ दरिंदगी न कर सकें।

गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनकी पहचान पीड़िता ने भी की है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार शुभम और गौरव की उम्र 20 से 22 वर्ष है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

बिहार के गया जिले के कोंच थाना क्षेत्र में बुधवार रात एक व्यक्ति को बंधक बनाकर उसकी 55 वर्षीय पत्नी और 15 वर्षीय बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। पुलिस के मुताबिक, आंती थाना क्षेत्र का रहने वाला एक शख्स अपनी मोटरसाइकिल से पत्नी और बेटी के साथ घर जा रहा था, तभी सोनडीहा गांव के पास आठ से दस लोगों ने मोटरसाइकिल रोक ली।

बदमाशों ने शख्स को पेड़ से बांध दिया और उसकी पत्नी व बेटी को दूर ले जाकर दोनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देश के बाद प्रधान महासचिव आलोक मेहता के नेतृत्व में पीड़िता से मुलाकात की और उन्हें उचित न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। इस दौरान राजद का प्रतिनिधमंडल पीड़िता को सैकड़ों व्यक्तियों के सामने ले आए।

नाबालिग पीड़िता राजद नेताओं के सामने गिड़गिड़ाती रही, लेकिन नेताओं ने सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में जबरन उससे सवाल पूछते रहे। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

राजद जब सत्ता में था, तब ऐसी घटनाओं को ‘जंगलराज’, ‘जंगलराज पार्ट-1, पार्ट-2’ कहा जाता था। ऐसा कहने वाले अब सत्ताधारी हो गए हैं, वह भी जनता की नहीं, राजभवन की कृपा से।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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