प्रादेशिक
बिहार में ‘कट्टे’ की जगह गरज रहे एके-47
पटना | बिहार के अपराधियों ने अब कट्टे की जगह अत्याधुनिक एके-47 जैसी राइफलें थाम ली हैं। पिछले कुछ दिनों के दौरान राज्य में घटी हत्या की घटनाएं इस बात की हकीकत बयां कर रही हैं। पुलिस विभाग हालांकि अपराधियों के बीच बढ़ते इस ट्रेंड को खतरनाक बताते हुए सतर्क भी है।
इस वर्ष 18 जनवरी को पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदयाल थाना क्षेत्र में अपराधियों ने शाम ढलते ही एके 47 से एक कारोबारी के प्रतिष्ठान पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, जिसमें दो कारोबारियों सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी।
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में ही पिछले साल अगस्त महीने में अपराधियों ने पकड़ीदयाल प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति अध्यक्ष भिखारी सहनी के घर पर हमलाकर सहनी सहित चार लोगों की हत्या कर दी थी। कहा जाता है कि इस घटना में भी अपराधियों ने एके-47 का ही इस्तेमाल किया था।
इसके पहले दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या और फिर राजधानी से सटे कच्ची दरगाह इलाके में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता बाहुबली बृजनाथी सिंह पर सरेआम एके-47 से गोलियों की बौछार कर हत्या कर देने के मामले इस बात की पुष्टि करते हैं कि स्थानीय अपराधियों के हाथ में एके-47 जैसे घातक हथियार पहुंच चुके हैं।
पूर्वी चंपारण जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा आईएएनएस को कहते हैं कि 18 जनवरी को दो व्यवसायी सहित तीन लोगों की हत्या के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और जल्द ही हथियार के विषय में भी पुख्ता जानकारी मिल जाएगी।
उन्होंने बताया, “दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या मामले में जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि इस हमले में जिस एके-47 का इस्तेमाल किया गया था वह भाड़े (किराए) पर उपलब्ध कराई गई थी। ये हथियार बड़े अपराधी गिरोह छोटे अपराधी को उपलब्ध कराते हैं।”
दरभंगा के पुलिस अधीक्षक रहने के दौरान राणा ने दोहरे इंजीनियर हत्याकांड में प्रयुक्त हथियार बरामद किया था।
गौरतलब है कि बिहार का मुंगेर क्षेत्र अवैध हथियार बनाने के लिए पूरे देश में चर्चित है।
पुलिस के एक अधिकारी नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताते हैं कि 2.5 लाख में देसी एके-47 उपलब्ध हो जा रहे हैं। इस बात का खुलासा हाल ही में उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार अपराधी से पूछताछ के दौरान हुआ है।
कहा जाता है कि एके-47 को चलाना बेहद आसान है। इसे ‘ले मैन’ का हथियार कहा जाता है। कट्टा और बंदूक को चलाने के लिए जहां प्रशिक्षण की जरूरत होती है, वहीं, एके-47 को हर वह शख्स चला सकता है जो इसे उठा सके।
पुलिस के अधिकारी बताते हैं कि एके-47 अपने आप में दहशत का पर्याय है। अपराधी इसे ‘स्टेटस सिंबल’ के रूप में लेते हैं। जिस अपराधी गिरोह के पास एके 47 होता है उसका रुतबा बढ़ जाता है।
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध जांच विभाग) विनय कुमार कहते हैं, “ऐसा कोई अध्ययन पुलिस विभाग द्वारा नहीं कराई गई है, परंतु अगर ऐसा है तो यह गंभीर चिंता का विषय है।”
उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि अपराधी एके-47 नक्सली, अंतर्राष्ट्रीय अपराधी गिरोह और आतंकी संगठन से हासिल करते हो सकते हैं। पुरुलिया में एके-47 के गिराए जाने की घटना के बाद कई संगठनों तक एके-47 की पहुंच हो गई थी।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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