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बिहार विधानमंडल में सृजन घोटाले पर हंगामा, नीतीश आहत दिखे

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पटना, 25 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों- विधानसभा और विधान परिषद में मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सृजन स्वयंसेवी घोटाले को लेकर मजबूत विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। इसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी सदस्यों के व्यवहार से आहत दिखे। उन्होंने कहा कि सदन में इस तरह का आचरण सही नहीं है। मानूसन सत्र के पांचवें और अंतिम दिन शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही राजद के 80 विधायकों सहित समूचे विपक्ष ने सरकार पर सृजन घोटाले में आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि सृजन घोटाला मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले से भी बड़ा है। इसके आरोपियों की भी लगातार मौत हो रही है। इसके बाद राजद के सदस्य हंगामा करने लगे।

संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार नियम के तहत किसी भी मामले को लेकर बहस करने को तैयार है।

इस बीच विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विपक्षी सदस्यों से प्रश्नोत्तर काल चलने देने को कहा, लेकिन विपक्ष कार्यस्थगन के तहत सृजन घोटाले पर बहस कराने की मांग को लेकर हंगामा करता रहा। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सभा की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू होते ही कांग्रेस के विजय शंकर दूबे ने इस मामले को उठाना चाहा। विधायक अब्दुल रहमान ने भी कार्य स्थगन प्रस्ताव का मुद्दा उठाया। इस बीच सत्तापक्ष के विधायक अरुण कुमार समेत कई अन्य विधायकों ने विपक्ष पर ‘चोर मचाए शोर’ का आरोप लगाया, जिससे दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक होने लगी।

इस क्रम में विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के कार्यस्थगन के प्रस्ताव को नियमानुकूल नहीं होने के कारण अमान्य कर दिया। इसके बाद विपक्ष फिर हंगामा करने लगा।

विधान परिषद में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के इस्तीफे को लेकर विपक्ष ने हंगाम किया। हंगामे के कारण विधान परिषद की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

इसके बाद कार्यवाही शुरू होते ही एक बार फिर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। उसके बाद उप सभापति ने राजद के चार सदस्यों को मार्शल के जरिए सदन से निकलवाया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पूरी तरह राजद के रवैये से दुखी दिखे। उन्होंने कहा कि उच्च सदन में इस तरह का आचरण सही नहीं है। उन्होंने कहा कि संसदीय परंपरा की मर्यादा तोड़ी जा रही है। सदन नहीं चलने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वेल में आकर जो हंगामा किया जा रहा है, वह आचरण ठीक नहीं है।

नीतीश ने कहा, सृजन घोटाले को लेकर जो लोग हंगामा कर रहे हैं और जिन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है, वे उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय जा सकते हैं। हम बाढ़ के काम में लगे हुए हैं और विपक्ष हंगामा करने में लगा है।

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि सरकार गरीबों की बात सदन के अंदर और बाहर दबाना चाहती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सृजन घोटाले को लेकर नीतीश और सुशील मोदी जब तक इस्तीफा नहीं देते, तब तक सदन नहीं चलने दिया जाएगा।

राबड़ी ने कहा कि इन दोनों नेताओं के पद पर रहते सृजन घोटाले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती।

उल्लेखनीय है कि सत्र के पहले चार दिन भी सृजन और बाढ़ के मुद्दे को लेकर दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है। हंगामे के बीच केवल विधायी कार्यो का निपटारा किया गया।

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दिल्ली की खराब एयर क्वालिटी को देखते हुए सीएम आतिशी ने लिया बड़ा फैसला

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी प्राथमिक विद्यालय खराब (AQI ) के कारण बंद कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने इस संबंध में ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण सभी प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास होगी। छात्र-छात्राओं को स्कूल नहीं जाना होगा। अगले निर्देश तक दिल्ली के प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी।

क्या बताया सीएम आतिशी ने कारण ?

राष्ट्रीय राजधानी की एयर क्वालिटी लगातार दूसरे दिन भी ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, जिसके चलते अधिकारियों को पॉल्यूशन रोकने के लिए कड़े कदम उठाने पड़े। प्रतिबंध आज शुक्रवार से लागू हो रहे हैं। शिक्षा विभाग का कार्यभार भी संभाल रहीं सीएम आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण, दिल्ली के सभी प्राइमरी स्कूल अगले निर्देश तक ऑनलाइन कक्षाओं में चलाए जाएंगे।”

इसके मद्देनजर शिक्षा निदेशालय (DoE) ने सभी सरकारी, प्राइवेट, दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के स्कूलों के प्रिंसिपल को निर्देश दिया है कि 5वीं तक के बच्चों को स्कूल में नहीं बुलाएं, डीओई ने कहा कि अगले आदेश तक इनके लिए ऑनलाइन क्लास के व्यवस्था की जाए।

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