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मुख्य समाचार

बीएलएस इंटरनेशनल का मुनाफा 17 फीसदी बढ़ा

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| वीजा और कांसुलर सेवाओं की आउटसोर्सिग करनेवाली भारतीय विशेषज्ञ सेवा प्रदाता बीएलएस इंटरनेशनल सर्विसिस लि. (बीएलएस) ने 30 जून को समाप्त तिमाही में मुनाफे में 17.09 फीसदी वृद्धि दर्ज की है, जो 34.03 करोड़ रुपये रहा। वहीं, वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में यह 29.06 करोड़ रुपये था। कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी का कर चुकाने के बाद का लाभ मार्जिन 16.83 फीसदी रहा, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में यह 14.85 फीसदी था।

कंपनी ने बताया कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी कुल आय 202.22 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले साल समान अवधि में यह 195.76 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में कंपनी की ब्याज, कर, अवमूल्यन एवं ऋणमुक्ति से पूर्व कमाई (एबिट्डा) वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के 43.96 करोड़ रुपये की तुलना में 14.77 फीसदी बढ़कर 50.46 करोड़ रुपये रही।

बीएलएस इंटरनेशनल सर्विसिस के संयुक्त प्रबंध निदेशक शिखर अग्रवाल ने कहा, वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही हमारे लिए उल्लेखनीय रही है। इस अवधि में हमने दो प्रमुख अनुबंध किए -पहला ब्रिटिश सरकार के साथ अनुबंध के लिए सोप्रा स्टेरिया के साथ रणनीतिक साझेदारी और दूसरा इटली के विदेश मंत्रालय के साथ। यह यूरोपीय बाजार में हमारे प्रदर्शन को दर्शाता है।

बीएलएस इंटरनेशनल ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की शुरुआत यूनाइटेड किंगडम वीजाज एंड इमिग्रेशन (यूकेवीआइ) द्वारा दिए गए अनुबंध को पूरा करने के लिए सोप्रा स्टेरिया के साथ रणनीतिक गठबंधन किया था। जिसके अंतर्गत, कंपनी को ब्रिटेन में पहले से रह रहे लोगों के वीजा का नवीनीकरण कराने में सक्षम बनाना था। इस गठबंधन के तहत, बीएलएस इंटरनेशनल अनुबंध में कई डिलीवरी एवं मूल्यवर्धित सेवाएं उपलब्ध कराकर सोप्रा स्टेरिया और यूकेवीआई का सहयोग करेगा।

यूकेवीआई यूके होम ऑफिस का एक विभाग है, जिस पर इस बात का फैसला करने की जिम्मेदारी है कि ब्रिटेन में कौन आ सकता है और कौन वहां रुक सकता है।

बीएलएस इंटरनेशनल ने दो जुलाई, 2018 को इटली के विदेश मंत्रालय के साथ भी अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं और इसके तहत सिंगापुर में इटली के वीजा आवेदनों की प्रोसेसिंग का काम शुरू किया है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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