मुख्य समाचार
ब्राजील की अदालत ने लूला के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर रोक लगाई (
ब्रासीलिया, 1 सितंबर (आईएएनएस)| ब्राजील की अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा के अक्टूबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के रूप में खड़े होने पर रोक लगा दी है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, सुप्रीम इलेक्टोरल कोर्ट के न्यायाधीशों ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। आगामी चुनाव में लूला प्रमुख दावेदारों में से एक थे।
लूला अप्रैल से भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में है, उनका दावा है कि यह सब झूठ है।
उनकी वर्कर्स पार्टी (पुर्तगाली में पीटी) ने इस फैसले को मनमाना और राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा।
मामले की जांच करने वाले न्यायाधीश लुइस रॉबटरे बैरोसो ने ‘क्लीन शीट्स एक्ट’ नामक कानून के आधार पर लूला की उम्मीदवारी के खिलाफ आपत्तियों को स्वीकार कर लिया।
कानून के मुताबिक, अपराध में दोषी ठहराए गए किसी भी शख्स को जिसकी दूसरी सुनवाई में सजा पक्की हो, उसके चुनाव लड़ने पर रोक है। इस कानून को 2010 में लूला के सत्ता में रहने के दौरान ही पारित किया गया था।
कानूनी बाधा के बावजूद, इस महीने की शुरुआत में उनकी पार्टी ने उन्हें राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया।
न्यायाधीश बैरोसो ने लूला के बचाव में दी गई दलीलों को खारिज कर दिया, जिनमें से अधिकांश संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति की अपील पर आधारित थे, जिसने सरकार से लूला को चुनाव लड़ने देने का आग्रह किया था।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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