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मुख्य समाचार

भाजपा और नीतीश क्षेत्रीय उन्माद फैलाने की साजिश कर रहे : जविपा

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पटना, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) ने गुजरात में बिहार के लोगों पर हो रहे अत्याचार की घोर आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्षेत्रीय उन्माद फैलाने की साजिश कर रहे हैं। जविपा के अध्यक्ष अनिल कुमार ने यहां बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिस तरह से गुजरात में बिहार के लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है, उसमें नीतीश कुमार की मौन स्वीकृति मालूम पड़ती है। यही कारण है कि कोई ठोस निर्णय लेने की जगह वे केवल टेलीफोन पर गुजरात के मुख्यमंत्री से बातचीत कर केवल भाईचारा निभाने में लगे हैं।

उन्होंने नीतीश को सलाह देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए थी। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर पूरे मामले में कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकुर दोषी हैं तो अब तक उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

नीतीश कुमार और भाजपा पर क्षेत्रीय उन्माद फैलाने का आरोप लगाते हुए जविपा प्रमुख ने कहा, “पहले ये लोग जातीय उन्माद फैलाते थे। अब क्षेत्रीय उन्माद फैलाकर बिहार के गरीब मजदूरों को गुजरात से भगा कर प्रताड़ित करने की साजिश कर रहे हैं।”

कुमार ने सवालिया लहजे में कहा कि जब भी बिहार के लोगों के साथ दूसरे राज्य में दुर्व्यवहार होता है तब भी इनकी अंतरात्मा नहीं जगती है।

उन्होंने कहा कि बिहार में रोजगार के साधन न होने के कारण यहां के बेरोजगार युवकों को रोजगार की तलाश में बाहर जाना पड़ता है। गुजरात में बिहार के लोगों पर हो रहे हमलों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार को जनता से मांफी मांगने की मांग करते हुए कुमार ने कहा कि बिहार के लोगों की हिफाजत न करने वाले यहां के मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि गुजरात में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद उत्तर भारतीय लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है जिससे बिहार के लोग वहां से पलायन करने को विवश हैं।

 

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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