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भाजपा को हराने के लिए एकजुट हो विपक्ष : मनमोहन

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)| पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को अगले लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए विपक्ष से एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और किसानों की परेशानी के कारण देशभर में छाई संकट की स्थिति के लिए मोदी सरकार पर हमला बोला।

मनमोहन सिंह ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार वर्ष 2014 के चुनाव से पहले लोगों से किए गए वादों को पूरा करने और ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने में बुरी तरह अफल रही है।

मनमोहन सिंह ने रामलीला मैदान में आयोजित विरोध रैली में कहा, परिस्थितियों से पता चलता है कि स्थिति अब नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। किसान, व्यापारी, युवा अपने-अपने क्षेत्र में संकट झेल रहे हैं। सरकार आम लोगों से किए अपने वादों को पूरा करने में बुरी तरह नाकाम रही है।

उन्होंने कहा,केंद्र में पार्टी को बदलने का समय आ गया है और यह जल्द ही होगा।

मनमोहन ने विपक्षी पार्टियों से आग्रह करते हुए कहा,वर्तमान सरकार का विरोध करने वाले दलों को अपने मतभेदों को भूलना चाहिए और देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता की पहचान को बनाए रखने के लिए एक साथ आना चाहिए। हमें एकता के सामूहिक लाभ को साबित करने की आवश्यकता है।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री राजघाट से शुरू हुए विरोध मार्च में शामिल हुए और रामलीला मैदान पहुंचे।

यह मार्च भारत बंद का हिस्सा है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने सरकार के विरोध में कांग्रेस का साथ दे रही लगभग 20 राजनीतिक विपक्षी दलों की उपस्थिति को सराहा।

उन्होंने कहा कि अगले साल आम चुनावों से पहले यह एक महत्वपूर्ण क्षण है और हमें इस (एकता) का लाभ उठाना चाहिए और देश में एक आंदोलन शुरू करना चाहिए।

विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस और वामपंथी दलों द्वारा पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ बुलाया गया था।

विरोध प्रदर्शन जनता दल-सेक्युलर, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, लोकतंत्रिक जनता दल, राष्ट्रीय लोक दल, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों द्वारा समर्थित है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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