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मुख्य समाचार

भाजपा भ्रष्टाचार रोकने में विफल : उद्धव

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मुंबई, 24 जुलाई (आईएएनएस)| शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने चुनाव में धन बल के खुलेआम इस्तेमाल को लेकर मंगलवार को सवाल उठाया और अपनी सहयोगी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भ्रष्टाचार रोकने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया। उद्धव ने कहा, चुनावों में स्पष्ट तौर पर धन बल के इस्तेमाल को देखें। ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक के हर चुनाव को जीतने के लिए इस तरह से धन बल का इस्तेमाल देश में बीते 50 सालों कभी नहीं देखा गया है।

भाजपा पर निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा कि वे देश में बीते 60 सालों में भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं, लेकिन 2014 में सत्ता में आने के बाद से उन्होंने चार सालों में इससे निपटने के लिए कुछ नहीं किया है।

उद्धव की यह तीखी टिप्पणी उनके वार्षिक मैराथन साक्षात्कार के दौरान आई है। यह साक्षात्कार उनके 58वें जन्मदिन 27 जुलाई के पहले लिया गया है। यह साक्षात्कार शिवसेना सांसद संजय राउत ने लिया है।

उद्धव ने कहा, 2जी घोटाले को याद करें, इसकी चर्चा सिर्फ भारत में ही नहीं दुनिया भर में हुई। इसने भारत को धरती पर सबसे भ्रष्ट राष्ट्र बताते हुए एक खराब छवि बनाई। किसी को इसका एहसास नहीं है, लेकिन हम खुद अपने देश की छवि को बिगाड़ रहे हैं। लेकिन इसके बाद क्या हुआ? वे एक भी आरोप साबित करने में विफल रहे और हर चीज महज आरोप बनी रही।

भाजपा के साथ केंद्र व महाराष्ट्र में सरकार में होने के बावजूद शिवसेना ने अपने सहयोगी, प्रधानमंत्री नरंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और दूसरों की बेहद आलोचना की है और लगातार उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के दावे को लेकर हमला करती रही है।

उन्होंने व्यंग्य भरे लहजे में कहा, मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर गंभीर नहीं है। यह अब लोगों का विचार है। हर बार जब कोई अच्छा काम नहीं करता है तो उस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है और अगर वह प्रदर्शन नहीं करता है तो उसकी निदा की जाती है। सबसे पहले भ्रष्टाचार साबित करें, सिर्फ लोगों पर इस तरह के आरोप नहीं लगाएं।

उन्होंने कहा कि चुनावों में इस्तेमाल होने वाले धन का स्रोत रहस्य बना हुआ है और कोई नहीं जानता कि इतनी बड़ी मात्रा में धन कहां से आ रहा है। अन्यथा दूसरे राजनीतिक दलों को भी इससे फायदा मिल सकता है।

यह पूछे जाने पर कि क्या लोगों ने भाजपा को 2014 में वोट देकर गलती की है? ठाकरे ने कहा, यह वास्तव में देश के लोगों के साथ धोखा हुआ है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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