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भारतीयों का डिजिटल डेटा असुरक्षित क्यों!

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नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। साल 2015 के सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क स्थित सोशल मीडिया दिग्गज के विशाल मुख्यालय में एक टाउन हॉल बैठक के दौरान फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग के साथ गले मिलते हुए तस्वीरें खिंचवाई थी।

लेकिन अब फेसबुक बड़े पैमाने पर डेटा चोरी के विवाद में उलझा हुआ है और आलम यह है कि भारत मार्क जुकरबर्ग को कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दे रहा है, जिसमें डेटा के दुरुपयोग को लेकर सम्मन भेजने की कार्रवाई भी शामिल है।

जुकरबर्ग ने हाल ही में कहा था कि फेसबुक यह सुनिश्चित करेगा कि उसके प्लेटफार्म का इस्तेमाल भारत समेत दुनिया के किसी भी हिस्से में चुनावों को प्रभावित करने के लिए नहीं हो, लेकिन 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और ब्रिटेन में ब्रेक्सिट वोट (यूरोपीय संघ से अलग होने को लेकर की गई वोटिंग) के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की घुसपैठ जिस तरह से हुई है, उसे देखने के बाद, इस समय कुछ भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।

क्या हमारा देश अपने नागरिकों की डेटा सुरक्षा या निजता के उल्लंघन को रोकने के लिए तैयार है?

शीर्ष साइबर कानून विशेषज्ञों के मुताबिक भारत इस मामले में काफी पीछे छूट गया है।

प्रमुख साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने आईएएनएस को बताया, यहां मुद्दा यह है कि यूजर्स के डेटा को संभालने और प्रसंस्करित करने के मामले में हम मोबाइल एप प्रदाता, सोशल मीडिया कंपनियों और मध्यस्थों को कैसे विनियमित करते हैं? हमारे पास डेटा संरक्षण कानून नहीं है। हमारे पास साइबर सुरक्षा पर कोई राष्ट्रीय कानून नहीं है और न ही गोपनीयता पर कोई राष्ट्रीय कानून है।

इन महत्वपूर्ण कानूनों की अनुपस्थिति ने सेवा प्रदाताओं द्वारा यूजर्स डेटा के दुरुपयोग और अनधिकृत पहुंच के मामलों के बढ़ावा दिया है।

दुग्गल ने कहा, आलम यह है कि सेवा प्रदाता आंकड़ों को देश की भौगोलिक सीमा से बाहर ले जा रहे हैं, क्योंकि देश सो रहा है। एक बार जब डेटा देश से बाहर चला जाता है, तो सरकार का उस पर से नियंत्रण खत्म हो जाता है। इससे लोगों की डेटा गोपनीयता और निजता के संरक्षण पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने कहा कि भारत को यूरोपीय संघ (ईयू) से सीखना चाहिए कि डेटा की सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचा कैसे तैयार करते हैं।

ईयू ने नया निजता कानून, जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) लागू किया है, जो इस साल 25 मई से प्रभावी होगा और यह दुनिया भर के उद्यमों और सेवा प्रदाताओं पर लागू होगा।

चार सालों तक चली बहस के बाद ईयू संसद ने 14 अप्रैल, 2016 को इस कानून को मंजूरी दी थी और इसे नहीं माननेवाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि भारत ने डेटा सुरक्षा विधेयक पर एक श्वेत पत्र प्रकाशित किया है, लेकिन अभी तक यह कानून नहीं बन पाया है।

दुग्गल ने कहा, भारत को देश से बाहर डेटा संरक्षित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए और इसे नहीं माननेवाली कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाना चाहिए, चाहे वह देश में रहकर काम कर रही हों या देश से बाहर काम कर रही हों।

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नेशनल

आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

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मुंबई। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में जहां बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं झारखंड में परिणाम बीजेपी को निराश करने वाले हैं। महाराष्ट्र में अकेले भाजपा 131 सीटों पर आगे है। वहीं कुल 221 सीटें पर महायुति आगे है। झारखंड की बात की जाए यहां पर JMM गठबंधन आगे चल रहा है। इस समय वह 49 सीटों पर आगे है।विभिन्न राज्यों में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा की इस जीत से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे पीएम

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार की शाम को दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर जाएंगे। शाम में पीएम मोदी महाराष्ट्र में भाजपा+ की जीत और उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी पार्टी के मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

वहीं, शुरूआती रुझानों से उत्साहित भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महायुति अपने विकास कार्यों के कारण महाराष्ट्र में शानदार तरीके से सत्ता में वापस आ रही है। महाराष्ट्र चुनाव इस बात की लड़ाई थी कि जनता का जनादेश ‘विचार की विरासत’ को मिलेगा या ‘परिवार की विरासत’ को। महाराष्ट्र की जनता ने ‘विचार की विरासत’ को चुना और ‘परिवार की विरासत’ को हराया। झारखंड में अभी तक नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं। महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि अंतिम परिणाम आने दें। फिर, जिस तरह से हमने एक साथ चुनाव लड़ा था, उसी तरह सभी तीन पार्टियां एक साथ बैठेंगी और निर्णय लेंगी कि सीएम कौन होगा।

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