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मुख्य समाचार

भारत को एआई में अग्रणी देशों के सहयोग की दरकार : एसोचैम

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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)| उद्योग संगठन एसोचैम ने रविवार को कहा कि भारत सरकार को कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) से संबंधित अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी देशों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

एसोचैम ने ब्रिटिश सलाहकार व बहुराष्ट्रीय कंपनी प्राइसवाटरहाउसकूपर (पीडब्ल्यूसी) के साथ अपने संयुक्त अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय (एमईए) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, सिंगापुर, इजरायल और चीन जैसे अग्रणी देशों के साथ मिलकर सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का समधान तलाशने के लिए काम करना चाहिए और एआई, मशीन लर्निग (एमएल) व अन्य नई प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रणनीति बनाने में तेजी लानी चाहिए।

उद्योग संगठन ने अपने अध्ययन ‘एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर ग्रोथ : लेवरेजिंग एआई एंड रोबोटिक्स फॉर इंडिया’ में कहा है, पूर्व के उपक्रमों के बेहतर कार्यो का आदान-प्रदान व अध्ययन सहयोग को मजबूती प्रदान करने का एक तरीका है।

अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया है कि एआई में नीतिगत योजना का मकसद ऐसे तंत्र का निर्माण है, जो अनुसंधान, नवाचार और अनुप्रयोगों के वाणिज्यिकरण में सहायक हो।

एसोचैम ने कहा, सार्वजनिक क्षेत्र को अपनी विभिन्न योजनाओं (डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया) के साथ उन क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए, जहां एआई, रोबोटिक्स का उपयोग पहुंच बढ़ाने के साथ-साथ उसे प्रभावोत्पादक व दक्ष बनाने में किया जा सकता है। इस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में मौजूदा नवाचार कार्य को दिशा-निर्देश प्रदान किया जाना चाहिए।

अध्ययन में कहा गया है कि एनालिटिक्स और एमएल के क्षेत्र में उच्च कौशल वाले युवाओं को समर्थ बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोलकर सरकार इस दिशा में उत्प्रेरक का काम कर सकती है। इससे दुनियाभर से डाटा चालित उद्यमी भार में अपने विशिष्ट केंद्र स्थापित करने के लिए आ सकते हैं।

एसोचैम ने कहा कि सहयोगात्क प्रयास और शैक्षणिक समुदाय, सार्वजनिक क्षेत्र और निजी उद्योग जैसे एआई आधारित अनुसंधान के तीन स्तंभों के बीच जारी बातचीत को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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