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भारत-चीन रेल समझौतों का खाका खींचने के प्रयास तेज

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मई में प्रस्तावित चीन यात्रा से पहले दोनों देशों के अधिकारी गत वर्ष हुए प्रमुख रेल समझौतों का खाका खींचने की कोशिश में व्यस्त हैं। वे मोदी की यात्रा के दौरान भारत में 10 अरब डॉलर के चीन के निवेश से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर की योजना को भी आखिरी रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री रेल क्षेत्र में तेज रफ्तार वाली रेल सेवा और स्टेशनों तथा रेलमार्गो का आधुनिकीकरण जैसी परियोजनाओं में दुनिया भर से निवेश जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। तेज रफ्तार रेल सेवा में अग्रणी चीन इस क्षेत्र में भारत को सहयोग देना चाहता है। चीन का एक दल 1,754 किलोमीटर की दिल्ली-चेन्नई तेज रफ्तार गलियारे की व्यवहारिकता पर अध्ययन कर रहा है।

भारतीय रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने आईएएनएस से कहा, “अध्ययन जारी है। इसके तहत भारतीय रेलवे का एक दल चीन गया था और चीन से एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया था।” दिल्ली-चेन्नई गलियारे पर रेलगाड़ी की गति 300 किलोमीटर प्रति घंटा रखने की योजना है। यह दुनिया की दूसरी सबसे तेज सेवा हो सकती है। इससे तेज सेवा चीन के 2,298 किलोमीटर लंबे बीजिंग-ग्वांगझू मार्ग की है, जो गत वर्ष ही शुरू हुई है। हाल में चीन के राजदूत ली यूचेंग ने कहा था कि दोनों देशों के संबंधों में रेल क्षेत्र में सहयोग सबसे उज्ज्वल क्षेत्र है।

गत वर्ष चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान चेन्नई-बेंगलुरू-मैसूर मार्ग पर रफ्तार को बढ़ाकर 160 किलोमीटर करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। चीन इस पर अभी व्यवहारिकता अध्ययन कर रहा है। चीन भारतीय रेल के 100 अधिकारियों को प्रशिक्षण भी देने वाला है और इसके अलावा स्टेशनों के आधुनिकीकरण में मदद करेगा। यही नहीं वह भारत में एक रेलवे विश्वविद्यालय की स्थापना में भी मदद करेगा। गत वर्ष भारत में चीन द्वारा औद्योगिक पार्क की स्थापना पर भी सहमति बनी थी। ये पार्क गुजरात तथा पुणे में बनने हैं। चीन यात्रा के दौरान मोदी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अपने शहर शियान भी जाएंगे। इसके लिए शी ने उन्हें खास तौर से आमंत्रित किया है। भारत यात्रा के दौरान मोदी ने अपने राज्य गुजरात में उनका स्वागत किया था।

मोदी की चीन यात्रा के दौरान 10 अरब डॉलर निवेश से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। इसके लिए दोनों देशों के अधिकारी काम कर रहे हैं। शी की भारत यात्रा के दौरान चीन ने अगले पांच साल में भारत में 20 अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की थी। अधिकारियों ने कहा कि इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है और उम्मीद है यह समय सीमा से पहले पूरा हो जाएगा। दोनों देशों के कारोबारी संबंधों को बढ़ावा देने के मकसद से मोदी प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से भी वार्ता करेंगे। मोदी चीन के प्रमुख विश्वविद्यालयों और शिक्षा संस्थानों की भी यात्रा कर सकते हैं।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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