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प्रादेशिक

भोपाल में बढ़ रहा दूषित भूजल का दायरा

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संदीप पौराणिक 

भोपाल| मध्य प्रदेश की राजधानी में 31 साल पहले हुई भीषण गैस त्रासदी के बाद से यूनियन कार्बाइड संयंत्र के आसपास जमा जहरीले कचरे के कारण भूजल प्रदूषित हो रहा है और इसका दायरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। अब तो प्रदूषण संयंत्र के चार किलोमीटर के दायरे में लगभग 240 फुट की गहराई तक पहुंच गया है।

भोपाल में यूनियन कार्बाइड ने 1969 में कीटनाशक कारखाना स्थापित किया था। इस संयंत्र से दो दिसंबर 1984 की रात रिसी मिथाइल आइसो साइनाइड गैस ने तीन हजार से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। इस हादसे के बाद से संयंत्र बंद पड़ा है। यहां जहरीला कचरा जमा है जो पानी के साथ लगातार गहराई में तो पहुंच ही रहा है, साथ ही इसका दायरा भी बढ़ता जा रहा है।

भारतीय विष विज्ञान शोध संस्थान (आईआईटीआर लखनऊ) ने यहां की 22 बस्तियों के भूजल नमूने लेकर जांच की थी और एक रिपोर्ट 2013 में जारी की, जिसमें कहा गया है कि इन क्षेत्रों का भूजल कीटनाशक कारखाने के जहरीले कचरे की वजह से प्रदूषित हो चुका है। इस जांच में पानी में ऐसे रसायन पाए गए, जिनसे गुर्दे, लीवर, फेफड़े और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाले रसायन और भारी धातु हैं, जिनसे कैंसर तथा जन्मजात विकृतियां होती हैं।

आईआईटीआर की रिपोर्ट के बाद इस वर्ष जनवरी से मार्च के बीच संभावना ट्रस्ट ने 20 से ज्यादा स्थानों से 100 से 240 फुट की गहराई तक के हैंडपंप (वोरबेल) के पानी के नमूने लिए। इन नमूनों को जांच के लिए राज्य सरकार की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की प्रयोगशाला को भेजा।

संभावना ट्रस्ट की रचना ढींगरा ने आईएएनएस को बताया कि जांच के लिए पानी के जो नमूने लिए गए थे, वे संयंत्र से चार किलोमीटर की दूरी और 240 फुट की गहराई तक के थे। इन नमूनों में रासायनिक तत्व पाए गए हैं। पानी में केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) 40 मिली ग्राम प्रति लिटर से कम होना चाहिए, मगर जांच में 12 नमूनों में इससे ज्यादा मात्रा पाई गई है, एक स्थान पर तो सीओडी 100 मिली ग्राम प्रति लीटर पाया गया है।

नमूने एकत्र कर जांच कराने वाले विकास त्रिपाठी का कहना है कि बेलिस्टीन परीक्षण में भी यह बात पाई गई है कि भूजल मंे आर्गेनोक्लोरीन है, जो मानव शरीर के लिए घातक है।

ज्ञात हो कि दो दिसंबर, 1984 की रात यूनियन कार्बाइड संयंत्र से रिसी मिथाइल आइसो साइनाइड (मिक) गैस ने हजारों परिवारों की खुशियां छीन ली थीं। इस हादसे के बाद से यह संयंत्र बंद पड़ा है और इसके परिसर में अनुमान के मुताबिक 18 हजार टन से ज्यादा रासायनिक कचरा जमा है।

गैस पीड़ितों की लड़ाई लड़ने वाले सतीनाथ षडंगी बताते हैं कि इस कीटनाशक कारखाने की शुरुआत के समय परिसर में घातक कचरे को डालने के लिए 21 गड्ढे बनाए गए थे। 1969 से 77 तक इन्हीं गड्ढों में घातक कचरा डाला गया। कचरे की मात्रा में इजाफा होने पर 32 एकड़ क्षेत्र में एक सौर वाष्पीकरण तालाब (सोलर इवापरेशन पॉड) बनाया गया।

उन्होंने कहा कि इस तालाब में घातक रसायन जाता था, जिसका पानी तो उड़ जाता था मगर रसायन नीचे जमा हो जाता था। इसके बाद दो और सौर वाष्पीकरण तालाब बनाए गए। हादसे के बाद सौर वाष्पीकरण के दो तालाबों का रासायनिक कचरा 1996 में तीसरे तालाब में डालकर उसे मिट्टी से ढक दिया गया। यह कचरा 18 हजार टन से कहीं ज्यादा है। यही कचरा भूजल और मिट्टी को लगातार प्रदूषित किए जा रहा है।

IANS News

सीएम योगी ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, यूपी में टैक्स फ्री हुई फिल्म

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बहुचर्चित फ़िल्म ‘ द साबरमती रिपोर्ट’ देखी। फिल्म देखने के बाद सीएम योगी ने कहा कि मैं “द साबरमती रिपोर्ट” की पूरी टीम को बधाई देता हूं जिन्होंने इस वास्तविक सच को देश की जनता के सामने फिल्म के माध्यम से बाहर लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हर भारतवासी को “द साबरमती रिपोर्ट” फिल्म को देखनी चाहिए और गोधरा का सच के नजदीक जाने का प्रयास करना चाहिए। सीएम योगी ने फिल्म को उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री करने की घोषणा की।

सीएम योगी ने कहा देश के खिलाफ और सरकारों के खिलाफ राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए समाज में वैमनस्यता पैदा करने के लिए देश में जो कृत्य हुए हैं उसे देश की जनता को जानने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं उन चेहरों को पहचानने के साथ-साथ उनका पर्दाफाश करने की भी आवश्यकता है। सीएम योगी ने कहा कि फिल्म की टीम ने सत्य उजाकर करने के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। फिल्म के माध्यम से वास्तविक सच को एक बड़े रूप में देश के सामने लाने का प्रयास किया गया है।

सीएम योगी ने कहा कि मामला अयोध्या से जुड़ा है, मैं घटना में मारे गए सभी राम भक्तों को श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के साहसिक कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए लोग इस सत्य को अधिक से अधिक देखें। सीएम योगी राज्य सरकार की ओर से ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा की।

इसके पहले सीएम योगी ने लखनऊ के प्लासियो मॉल के सिनेमाहॉल के ऑडी-07 में पूर्वाह्न 11:30 बजे के शो में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सहित अनेक अनेक जनप्रतिनिधियों और शासन-प्रशासन के अधिकारियों के साथ फ़िल्म देखी। खास मौके पर फ़िल्म के मुख्य अभिनेता विक्रांत मैसी और फ़िल्म यूनिट से जुड़े लोगों की मौजूदगी रही। इससे पहले, बीते मंगलवार को विक्रांत मैसी ने सीएम योगी से भेंट की थी।

बता दें कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ एक सत्य घटना पर आधारित एक बॉलीवुड ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन रंजन चांडेल द्वारा किया गया है। फिल्म में विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा लीड रोल में हैं। यह फिल्म साल 2002 में हुई साबरमती एक्सप्रेस की दिल दहला देने वाली घटना से प्रेरित है। एकता कपूर इस फिल्म की निर्माता है। 15 नवंबर को रिलीज हुई इस फिल्म की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी तारीफ की है।

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