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मुख्य समाचार

मणिपुर के विद्रोही समूहों पर लगे प्रतिबंध पर फैसले के लिए न्यायाधिकरण गठित

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नई दिल्ली, 15 दिसंबर (आईएएनएस)| केंद्र ने मणिपुर के विद्रोही समूहों पर लगाए गए प्रतिबंध से संबंधित मामलों पर फैसला करने के लिए शनिवार को एक न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) का गठन किया है। इन समूहों को सामूहिक रूप से ‘मेतेई उग्रवादी संगठनों’ के रूप में जाना जाता है।

एक अधिसूचना में, गृह मंत्रालय ने कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गठित ट्रिब्यूनल का नेतृत्व दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश संगीता ढिंगरा सहगल करेंगी।

अधिसूचना के मुताबिक, न्यायाधिकरण का उद्देश्य यह निर्णय लेना है कि मेतेई उग्रवादी संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियों वाले समूह घोषित करने के पर्याप्त कारण हैं या नहीं।

केंद्र ने 13 नवंबर को उग्रवादी समूहों पर प्रतिबंध बढ़ाया था, जिनका उद्देश्य पांच साल के भीतर राज्य को भारत से अलग करना है।

गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत संगठनों, उनके गुटों, शाखाओं और मुख्य संगठन को गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया था।

इन समूहों में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और इसकी राजीनतिक शाखा रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट, यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपल्स आर्मी, पीपल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपक (पीआरईपीएके) और इसकी सशस्त्र शाखा ‘रेड आर्मी’, कंगलीपक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) और इसकी सशस्त्र शाखा जिसे ‘रेड आर्मी’ भी कहा जाता है, कंगलेई याओल योल कन्बा लुप (केवाईकेएल), समन्वय समिति (कोरकॉम) और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कंगलीपक (एएसयूके) इसमें शामिल हैं।

संगठनों पर एक जनवरी 2013 से लेकर 31 जुलाई 2018 तक 756 हिंसक घटनाओं को अंजाम देने और 86 लोगों की हत्या करने का आरोप है, जिनमें 35 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।

 

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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