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मप्र : भाजपा का धरना, राफेल पर राहुल गांधी से माफी की मांग

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भोपाल, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)| राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर ‘झूठ बोलने का’ आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई ने बुधवार को प्रदेशव्यापी धरना दिया और राहुल गांधी से देश की जनता से माफी मांगने की मांग की। ‘राफेल विमान सौदा मामले में कांग्रेस के दुष्प्रचार को लेकर’ भाजपा ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिला केंद्रों पर धरना-प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने भोपाल में कहा, “कांग्रेस ने देश की जनता के समक्ष जो झूठ फैलाने की कोशिश की, उसे देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी खारिज कर दिया। यह कांग्रेस के मुंह पर करारा तमाचा है। नैतिकता के आधार पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए और यह बताना चाहिए कि जब-जब देश की सुरक्षा मजबूत होती है, सेनाओं का मनोबल बढ़ता है, तो उनका रवैया देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला क्यों होता है।”

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “राहुल गांधी का देश की सुरक्षा को लेकर जो रवैया है, उससे जनता हैरान है। आश्चर्य की बात है कि एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय नेता का रवैया देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला है।”

उन्होंने कहा कि 2002 में राफेल खरीद को लेकर बात शुरू हुई थी, ताकि सेना का मनोबल बढ़े और उसे अत्याधुनिक विमान मिल सकें। 2004 में कांग्रेस की सरकार बनी और 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिह ने यह फैसला लिया कि राफेल खरीद की जरूरत है, लेकिन 2007 से लेकर 2014 तक लगातार कांग्रेस की सरकार रहने के बाद भी राफेल खरीद पर सरकार कोई निर्णय नहीं कर पाई।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस की सरकारें राफेल का सौदा क्यों नहीं कर पाईं, यह जनता भलीभांति जानती है। शायद उसे कमीशन नहीं मिल रहा था। कांग्रेस ने जितने भी सौदे किए हैं, उनमें जमकर कमीशनबाजी की है और इसी फेर में राफेल खरीदी का मामला अटकाए रखा।”

उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता पूरी ताकत और ऊंचे मनोबल के साथ 2019 के लिए कमर कस लें।

 

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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