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मप्र में मिली 45 एकड़ जमीन पर बाबा रामदेव ने चुटकी ली

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बाबा रामदेवभोपाल, पतंजलि संस्थान के प्रमुख और योग गुरु बाबा रामदेव ने मध्य प्रदेश में बड़े निवेश की इच्छा जाहिर की, लेकिन राज्य के उद्योग विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई 45 एकड़ जमीन पर चुटकी लेते हुए कहा कि इतनी जमीन तो उनके लिए कबड्डी के मैदान के बराबर है। मध्य प्रदेश के इंदौर में शनिवार से शुरू हुई दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के उद्घाटन मौके पर बाबा रामदेव ने कहा, “दुनिया भर से भारत में 25 लाख करोड़ रुपये का आयात होता है। हमारे देश में यह सामथ्र्य है कि वह इससे ज्यादा निर्यात कर सकता है। भारत दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है। मध्य प्रदेश में भी मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की क्षमता है।”

बाबा रामदेव ने कहा कि वह जड़ी बूटियों के क्षेत्र में काफी काम करना चाहते हैं और मध्य प्रदेश में भी बड़े निवेश को प्रयासरत हैं, पर राज्य के उद्योग विभाग ने तो उन्हें मात्र 45 एकड़ जमीन ही उपलब्ध कराई है।

इंदौर के ब्रिलियेंट कन्वेंशन सेंटर में आज (शनिवार) दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया। इस मौके पर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।

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भारत में चीनी लहसुन की घुसपैठ, सेहत के लिए है काफी खतरनाक

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लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नामित अधिकारी को शुक्रवार को तलब किया। कोर्ट ने इस दौरान सवाल किया कि प्रतिबंधित ‘चीनी लहसुन’ अब भी बाजार में कैसे उपलब्ध है। कोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्र के वकील से देश में ऐसी वस्तुओं के प्रवेश को रोकने के लिए मौजूद सटीक व्यवस्था के बारे में भी प्रश्न किया है और यह भी पूछा है कि इसके प्रवेश के स्रोत का पता लगाने के लिए क्या कोई कवायद की गई है?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने “चीनी लहसुन” की बिक्री पर लगाई रोक

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओ पी शुक्ला की पीठ ने वकील मोतीलाल यादव द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ‘चीनी लहसुन’ के हानिकारक प्रभाव होते हैं जिसकी वजह से देश में इस पर प्रतिबंध है। कोर्ट को बताया गया कि प्रतिबंध के बावजूद, लखनऊ सहित पूरे देश में ऐसा लहसुन आसानी से उपलब्ध है. याचिकाकर्ता ने अदालती कार्यवाही के दौरान न्यायाधीशों के समक्ष लगभग आधा किलो ‘चीनी लहसुन’ के साथ-साथ सामान्य लहसुन भी पेश किया।

लहसुन खरीदते समय इन बातों पर रखे ध्यान

लहसुन खरीदने के वक्त ध्‍यान रखें कि लहसुन की गांठ का साइज छोटा हो, क्‍योंकि देसी लहसुन, चाइनीज गार्लिक के मुकाबले कुछ छोटा दिखता है। जहां देसी लहसुन की कलियां या तुरी बारीक और पतली होती हैं वहीं चाइनीज लहसुन की कलियां खिली हुईं और मोटी आपको नजर आएंगी। दोनों के रंग में भी अंतर होता है। चाइनीज लहसुन क्योंकि कैमिकल्‍स के इस्‍तेमाल से तैयार किया जाता है, इसमें सिंथेटिक प्रोसेस का यूज होता है। यह एकदम सफेद, साफ और चमकदार आपको नजर आएगा। वहीं देसी लहसुन कुछ क्रीम या पीलापन लिए हुए सफेद लहसुन होता है।

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