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नेशनल

मप्र में 2 किसानों ने की आत्महत्या, 1 की संदिग्ध हालत में मौत

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होशंगाबाद/विदिशा, 13 जून (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में बीते 24 घंटो में तीन किसानों ने मौत को गले लगा लिया। कर्ज और सरकारी अमले की कारगुजारियों से परेशान दो किसानों ने जान दे दी, तो कर्जदार एक किसान की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। पुलिस तीनों मामलों की जांच कर रही है। होशंगाबाद के भैरोपुर गांव का किसान माखन लाल मंगलवार की सुबह चार बजे घर से खेत की ओर निकला, थोड़ी देर बाद उसका शव पेड़ से लटका मिला। माखन लाल के परिजनों का कहना है कि उस पर पिछले कई वर्षो से कर्ज था, जिसके लिए वह हर साल जमीन का कुछ हिस्सा बेच दिया करता था।

गांव के लेाग बताते हैं कि उसकी कुल 15 एकड़ जमीन थी, लेकिन बिकते-बिकते तीन एकड़ ही बची थी। उस पर कर्ज का बोझ बना हुआ था, जिससे वह परेशान था।

उधर, विदिशा जिले के शमशाबाद थाने के जीरापुर में सोमवार की रात किसान हरि सिंह जाटव ने जहर खा लिया और उसकी भोपाल में उपचार के दौरान देर रात को मौत हो गई। हरि सिंह के परिजनों का आरोप है उसके परिवार की जमीन का पिछले दिनों सीमांकन हुआ था, जिसमें पटवारी ने उसके हिस्से की जमीन को रिश्तेदार के नाम दर्शा दिया। हरि सिंह ने कई जगह गुहार लगाई, मगर किसी ने नहीं सुनी। इससे क्षुब्ध होकर उसने जहर खा लिया।

शमशाबाद के तहसीलदार इसरार खान ने आईएएनएस को बताया कि हरि सिंह और उसके चाचा के बीच जमीन का विवाद था, दोनों ने सीमांकन के लिए आवेदन दिया। सीमांकन हुआ भी, मगर दोनों इससे संतुष्ट नहीं थे। इस पर दोनों को पटवारी ने वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन देकर दोबारा सीमांकन कराने का कहा। इसी बीच हरि सिंह ने आत्महत्या कर ली। इस मामले की जांच कराई जाएगी।

इसी तरह सीहोर जिले के रहटी थाना क्षेत्र के जजना गांव में पांच लाख के कर्जदार दुलीचंद्र की सोमवार को संदिग्ध हालत में मौत हो गई। परिजन आत्महत्या की आशंका जता रहे हैं।

रेहटी थाने के प्रभारी पंकज गीते के अनुसार, पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट में उसकी तिल्ली (स्प्लीन) फटे होने की बात सामने आई है। वह शराब पीता था। सोमवार को उसे पेट में दर्द हुआ, अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों द्वारा आशंका जताए जाने पर बिसरा को रासायनिक परीक्षण के लिए सुरक्षित रख लिया गया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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