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प्रादेशिक

मप्र : सेडमेप के कार्यकारी निदेशक के घर छापेमारी

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भोपाल| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस के विशेष संगठन लोकायुक्त ने बुधवार को उद्यमिता विकास केंद्र (सेडमेप) के कार्यकारी निदेशक जितेंद्र तिवारी के घर पर दबिश देकर आय से अधिक संपत्ति का खुलासा किया। वहीं तिवारी खुद को अशासकीय कर्मचारी बताते हुए लोकायुक्त की कार्रवाई पर ही सवाल उठा रहे हैं। लोकायुक्त के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तिवारी के पास आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत मिली थी, इन शिकायतों के आधार पर ही बुधवार सुबह उनके अरेरा कॉलोनी स्थित आवास पर दबिश दी गई। इस दौरान तिवारी के भोपाल में दो और इंदौर में एक मकान, भोपाल में तीन दुकानें होने के दस्तावेज मिले हैं। वहीं बड़ी मात्रा में जेवरात भी मिले हैं। बरामद दस्तावेजों के आधार पर लोकायुक्त ने संपत्ति लगभग दो करोड़ रुपये की आंकी है। छापे की कार्रवाई जारी है।

दूसरी ओर सेडमेप के कार्यकारी निदेशक तिवारी ने संवाददाताओं को बताया कि वह अशासकीय कर्मचारी हैं, लिहाजा लोकायुक्त को उनके यहां छापा मारने का अधिकार नहीं है। जहां तक आय से अधिक संपति का सवाल है, उनके पास जितनी भी संपत्ति है, वह उसका आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं।

 

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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