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मिड-डे मील की हर महीने होगी जांच

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नई दिल्ली।  स्कूल में मिलने वाले मिड डे मील की गुणवत्ता व पोषण मानकों को सुनिश्चित करने के लिए एक मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला द्वारा हर महीने उसकी जांच की जाएगी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में गुरुवार को यह जानकारी दी गई। केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित नियमों के मुताबिक, स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले गर्म पके हुए मिड डे मील (मध्याह्न भोजन) को सरकार के खाद्य शोध प्रयोगशालाओं या मान्यता प्राप्त प्रयोशालाओं द्वारा मूल्यांकन व प्रमाणित किया जाएगा।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में गुरुवार को कहा गया कि नियम के मुताबिक, अगर मिड डे मील का फंड खत्म हो गया हो, तो स्कूल किसी और मद के फंड का इस्तेमाल मिड-डे मील के लिए कर सकता है।

केंद्र सरकार ने कहा कि यदि बच्चों को मिड-डे मील नहीं दिया जा सकता, तो स्कूल द्वारा उन्हें भत्ता दिया जाएगा। ये उपाय मिड-डे मील के नियमों के हिस्सा हैं, जिसे केंद्र सरकार ने बुधवार को मिड-डे मील नियम, 2015 के तहत अधिसूचित किया है।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के हिस्से के तहत मिड-डे मील प्रदान किया जाता है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्यों व संबंधित अन्य केंद्रीय मंत्रालयों से परामर्श के बाद 2013 के प्रावधान के तहत इन नियमों को अधिसूचित किया है।

नियमों के अनुसार, स्कूल जारी रहने के लगातार तीन दिनों तक अगर बच्चों को मिड-डे मील नहीं प्रदान किया जाता है, तो राज्य सरकार इसके लिए संबंधित व्यक्ति या एजेंसी को जिम्मेदार ठहराएगी।

इसके अलावा, नियम यह भी कहता है कि कक्षा पहली से आठवीं में अध्ययन करने वाले छह साल से 14 साल आयुवर्ग के विद्यार्थियों को गर्म मिड-डे मील दिया जाएगा। प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों को 450 कैलोरी व 12 ग्राम प्रोटीन क्षमता से युक्त गर्म-पका खाना और उच्चतर प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों को 700 कैलोरी व 20 ग्राम प्रोटीन क्षमता से युक्त गर्म-पका मिड-डे मील दिया जाएगा।मिड-डे मील केवल स्कूल में ही दिया जाएगा।

नियमों के मुताबिक, स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि मिड-डे मील स्वच्छ तरीके से तैयार हुआ हो। शहरी क्षेत्रों के स्कूल जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, केंद्रीकृत रसोई का इस्तेमाल कर सकते हैं और मिड-डे मील संबंधित स्कूलों के विद्यार्थियों को ही परोसे जाएंगे।

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इंडियन एयरफोर्स की 92वें वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एयर शो को देखने के लिए पहुंची लाखों की भीड़, ज्यादा गर्मी की वजह से 5 लोगों की मौत

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चेन्नई। इंडियन एयरफोर्स की 92वें वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एयर शो का में तीन लोगों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि दम घुटने से तीन दर्शकों की मौत हुई है. वहीं, 230 अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यातायात में अव्यवस्था के कारण शहर के कई जगहों पर इस तरह की घटनाए देखने को मिली. एयर शो देखने के लिए जमा हुए हजारों लोगों को कार्यक्रम के बाद घर लौटने में कई तरह परेशानियों को सामना करना पड़ा.

बताया जा रहा है कि उमस भरी गर्मी के कारण लोगों की हालत खराब हो गई. निकटवर्ती लाइटहाउस मेट्रो स्टेशन और वेलाचेरी में चेन्नई एमआरटीएस रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों लोग एकत्र हो गए और कई लोगों को प्लेटफॉर्म पर खड़ा होना भी मुश्किल हो गया था. इसके बावजूद कई लोगों ने खतरा उठाकर यात्रा की और कई लोगों की ट्रेन छूट गई. वहीं, एयर शो स्थल के नजदीक अन्ना स्क्वायर पर बस स्टॉप पर लोगों की भारी भीड़ एकत्र थी.

एआईएडीएमके नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने ट्वीट किया

“भारतीय वायु सेना के 92वें उद्घाटन दिवस के अवसर पर, जो भारतीय रक्षा विभाग के सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है, वायु सेना की ताकत का जश्न मनाने के लिए आज चेन्नई में एक हवाई साहसिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अधिसूचना के अनुसार इसके लिए पहले से ही प्रकाशित किया गया था, यह जानते हुए कि लाखों लोग घूमने आएंगे, तमिलनाडु सरकार ने बताया कि परिवहन और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है, हालांकि, आज के कार्यक्रम में प्रशासनिक व्यवस्था और भीड़ और यातायात का प्रबंधन ठीक से नहीं किया गया पुलिस बल भी नियंत्रण के लिए अपर्याप्त है। खबर चौंकाने वाली है कि लोग भारी यातायात में फंसे हुए हैं, पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है, और लू के कारण कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। मैं कड़ी निंदा करता हूं। इतने महत्वपूर्ण आयोजन में भी ठीक से समन्वय करने में विफल रहने के लिए द्रमुक सरकार। वायु सेना के अंत का जश्न मनाने के लिए भारत के विभिन्न शहरों में अब तक कार्यक्रम अच्छे चल रहे हैं, लेकिन आज तमिलनाडु में हुई घटना में जानमाल की हानि बहुत दुखद है। इस आयोजन के लिए उचित सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए एम के स्टालिन सरकार की मैं कड़ी निंदा करता हूं।”

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