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अन्तर्राष्ट्रीय

मिस्र में 10 वर्षो बाद फिर खुला गुफा संग्रहालय

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काहिरा, 26 अगस्त (आईएएनएस)| मिस्र के पुरातत्व मंत्रालय ने समुंदर के किनारे मातरौह प्रांत में स्थित रोमेल गुफा संग्रहालय को फिर से खोल दिया। यह संग्रहालय पुननिर्माण के लिए 10 साल से बंद था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, शुक्रवार को हुए इस कार्यक्रम में पुरातत्व मंत्री खालेद अल-अननी भी शामिल हुए।

रोमेल गुफा एक प्राकृतिक गुफा है जोकि चट्टान से कटकर बना है। इसका उपयोग रोमन काल में भूमध्यसागर में आने-जाने के लिए किया जाता था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मन फील्ड मार्शल एर्विन रोमेल ने इसका उपयोग एक नियंत्रण अड्डे के रूप में किया था।

खालेद अल-अननी ने अपने संबोधन में कहा कि मंत्रालय का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और मिस्र के लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।

प्रेस वक्तव्य में कहा गया कि इस संग्रहालय में द्वितीय विश्व युद्ध में इस्तेमाल किए गए हथियारों, गोले और सैन्य उपकरणों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके आलावा यहां सैन्य पोशाक और नक्शे भी रखे जाएंगे।

सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक मिस्र ने अपने पुरातात्विक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए काफी परिश्रम किया है।

पिछले कुछ वर्षो से चल रहे राजनैतिक उथल-पुथल और सुरक्षा मुद्दों के कारण मिस्र में आई तीव्र मंदी से ग्रसित पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार मिस्र के ऐतिहासिक राजाओं और अन्य प्राचीन सभ्यताओं से जुड़े पुरातात्विक रहस्यों को उजागर करने को उत्सुक है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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