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मुक्केबाजी : सर्विसेज को पुरुष, हरियाणा को महिला टीम खिताब

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 चंडीगढ़, 18 दिसम्बर (आईएएनएस)| सर्विसेज के पुरुषों ने यहां के यूनिवर्सिटी हॉल में आयोजित बीएफआई दूसरी जूनियर राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के अंतिम दिन कुल नौ स्वर्ण अपने नाम किए और टॉप टीम के रूप में उभरे।

  हरियाणा की महिलाओं ने पांच स्वर्ण अपने नाम किए और इस कारण हरियाणा को महिलाओं का टीम खिताब मिला। सर्विसेज के कुल 12 मुक्केबाज फाइनल में पहुंचे थे और इनमें से नौ अपने-अपने वर्ग का स्वर्ण जीतने में सफल रहे। हरियाणा के मुक्केबाजों को नौ रजत मिले और इसके अलावा वे चार कांस्य भी जीतने में सफल रहे। इस कारण पदक तालिका में हरियाणा की स्थित्मिजबूत बनी रही। मणिपुर को पदक तालिका में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।

पुरुष मुक्केबाजों में हरियाणा के लिए सुमित (70 किग्रा) और विनीत (75 किग्रा) ने स्वर्ण जीते जबकि उत्तर प्रदेश के मनीष राठौर (48 किग्रा) और चंडीगढ़ के योनाम कम्बोज (80) ने बाजी मारी। हरियाणा के सुमित को टूर्नामेंट का सबसे अच्छा मुक्केबाज चुना गया।

सर्विसेज के लिए विश्वमित्र ने 48 किग्रा, एस. विक्टर सिंह (50), ए. नाओबा सिंह (52), यैताबा (54), टीएच लखमनी (57), बिलोस्टोन सिंह (60), अजय कुमार (63), आकाश साई (70) औ्र विशाल गुप्ता (80प्लस) ने स्वर्ण जीते।

महिला वर्ग में राजस्थान की लिपाक्षी ने सुपर हेवीवेट 80प्लस कटेगरी में महाराष्ट्र की आलिफा पठान को चौंकाते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। इन दोनों खिलाड़ियों के बीच जोरदार भिड़ंत हुई। पोलैंड में इस साल रजत पदक जीत चुकीं लिपाक्षी ने हालांकि इस लड़ाई में जीत हासिल की और 5-0 के अंतर से विजयी रहीं।

मिडिलवेट कटेगरी में मणिपुर की सानामाचा चानू ने पंजाब की खुशी को 5-0 से हराया। चानू के मुक्कों के आगे खुशी की एक न चली और वह हार पर मजबूर हुईं। एक अन्य मणिपुरी एन. बेबीरोजी साना ने 52 किग्रा के फाइनल में पंजाब की संदीप कौर को स्प्लिट डिसिजन में हराया और स्वर्ण जीता। दोनों अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजो के बीच जोरदार भिडं़त देखने को मिली। पोलैंड में स्वर्ण पदक जीत चुकीं संदीप ने अपना पूरा दमखम दिखाया लेकिन रेफरियों की नजर में बेबीरोजी बेहतर साबित हुईं और 3-2 के अंतर से विजेता घोषित की गईं।

50 किग्रा वर्ग में हालांकि कर्नाटक की अनुज देवी ने पंजाब की कोमल को हराते हुए स्वर्ण जीता। कोमल कई मायनों में अनुज से बेहतर थीं लेकिन अपने शानदार मुक्कों की बदौलत तकनीकी रूप से बेहतर होने के कारण अनुज को विजेता घोषित किया गया। अनुज ने 5-0 से यह मुकाबला जीता और बाद में टूर्नामेंट की उभरती हुई मुक्केबाज चुनी गईं।

पंजाब की एकता सरोज ने 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में आयुषी अवस्थी को हराया और पूरे इवेंट की श्रेष्ठ महिला मुक्केबाज चुनी गईं। इससे पहले, पोलैंड में स्वर्ण पदक जीत चुकीं अर्षी खानम को 57 किग्रा वर्ग के फाइनल में मणिपुर की अम्बेसोरी के हाथों 0-5 से हार मिली।

अन्य वर्ग में स्वर्ण जीतने वाली खिलाड़ियों में रजनी (46 किग्रा), पूनम (54 किग्रा), यशी शर्मा (60 किग्रा), विंका (63 किग्रा), मितका गुनले औ्र राज सिबा (70 किग्रा) शामिल हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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