अन्तर्राष्ट्रीय
‘मुगाबे की सलामती और सुरक्षा सुनिश्चित’
हरारे, 13 जनवरी (आईएएनएस)| जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मनांगाग्वा ने देश की हालिया राजनीतिक घटनाक्रम पर अंगोला के राष्ट्रपति जाओ लौरेंके को आश्वस्त करते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति राबर्ट मुगाबे की सलामती और सुरक्षा सुनिश्चित है। मनांगाग्वा ने लौरेंके को इस बात के लिए भी आश्वस्त किया कि इस वर्ष होने वाले आम चुनाव तय समय पर ही होंगे।
सरकारी मीडिया न्यू जियाना की रिपोर्ट के अनुसार, मनांगाग्वा ने लौरेंके से अंगोला के लुआनडा में मुलाकात की। बैठक के बाद एक साक्षात्कार में, मनांगाग्वा ने कहा, उन्होंने अपने समकक्ष को जिम्बाब्वे में हुए घटनाक्रम की जानकारी दे दी है।
उन्होंने कहा, यह बेहतरीन मुलाकात थी। मैं जिम्बाब्वे में हुए हालिया घटनाक्रम की जानकारी देने अपने वरिष्ठ राष्ट्रपति लौरेंके को जानकारी देने लुआनडा आया था।
लुआनडा राजनीति, रक्षा और सुरक्षा के लिए दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय के मौजूदा अध्यक्ष भी हैं।
मनांगाग्वा ने कहा कि चुनाव प्रस्तावित समय पर ही होंगे और नई सरकार पूर्व राष्ट्रपति मुगाबे की समृद्ध विरासत को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, हम इस बदलाव (ट्रांजिशन) को शांतिपूर्वक करेंगे और पूर्व राष्ट्रपति मुगाबे पूरी तरह सुरक्षित हैं, हम उनकी देखभाल करेंगे, वह हमारे देश के संस्थापक हैं, वह हमारे क्रांतिकारी प्रतीक हैं और हम उनकी विरासत को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मनांगाग्वा ने कहा, उनके आस-पास जो भी अपराधी थे, यह बदलाव उन्हें (अपराधी) प्रभावित करने वाले पद से हटा पाने में सक्षम हुआ है।
मनांगाग्वा और लौरेंके ने आर्थिक और व्यापारिक संबंधों समेत अन्य द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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