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मुख्य समाचार

मैं प्रेस से बात करने में डरने वाला प्रधानमंत्री नहीं था : मनमोहन

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 नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)| पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खिल्ली उड़ाते हुए मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें प्रेस से बात करने में कभी डर नहीं लगा।

  उन्होंने यह बात इसलिए कही कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अबतक के कार्यकाल में कभी संवाददाता सम्मेलन आयोजित नहीं किया है।

उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह विदेश भी जाते थे तो विमान में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जाते और आते थे। अखबारों में खबर के साथ छपता था–‘प्रधानमंत्री के विशेष विमान से’। मई, 2014 के बाद से यह परंपरा बिल्कुल बंद है।

मनमोहन ने अपनी किताब ‘चेंजिंग इंडिया’ के विमोचन के मौके पर यह भी कहा कि भारत एक प्रमुख आर्थिक वैश्विक शक्ति बनने वाला है।

पांच खंडों में प्रकाशित इस पुस्तक, चेंजिंग इंडिया, में कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में उनके 10 वर्षो के कार्यकाल, तथा एक अर्थशास्त्री के रूप में उनके जीवन के विवरण शामिल हैं।

मनमोहन ने कहा, “मैं कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था, जिसे प्रेस से बात करने में डर लगता हो। मैं नियमित तौर पर प्रेस से मिलता था, और जब भी मैं विदेश दौरे पर जाता था, लौटने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन जरूरी बुलाता था।”

उन्होंने कहा, “उन तमाम संवाददाता सम्मेलनों को इस पुस्तक में वर्णित किया गया है।”

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, “लोग कहते हैं कि मैं एक मौन प्रधानमंत्री था, लेकिन यह किताब उन्हें इसका जवाब देगी। मैं प्रधानमंत्री के रूप में अपनी उपलब्धियों का बखान नहीं करना चाहता, लेकिन जो चीजें हुई हैं, वे पांच खंडों की इस पुस्तक में मौजूद हैं।”

मनमोहन का बयान ऐसे समय में आया है, जब इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री के अबतक के कार्यकाल के दौरान एक भी संवाददाता सम्मेलन आयोजित न करने के लिए मोदी का मजाक उड़ाया है।

मनमोहन ने देश के भविष्य के बारे में कहा कि तमाम गड़बड़ियों के बावजूद भारत एक प्रमुख वैश्विक ताकत बनने वाला है।

सिंह ने विक्टर ह्यूगो का उद्धरण देते हुए कहा, “एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय एक ऐसा विचार है, जिसका समय आ गया है और धरती पर कोई भी ताकत इस विचार को रोक नहीं सकती।”

मनमोहन ने 1991 में तत्कालीन वित्तमंत्री के रूप में अपने बजट भाषण के दौरान भी विक्टर ह्यूगो का उद्धरण पेश किया था।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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