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मोदी और आबे पहुंचे साबरमती आश्रम

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अहमदाबाद, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे बुधवार साबरमती आश्रम पहुंचे और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस तरह आज की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। शिंजो आबे दो दिवसीय भारत दौरे पर बुधवार को अहमदाबाद पहुंचे।

दोनों नेताओं और जापान की प्रथम महिला अकी आबे ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान तीनों गणमान्य व्यक्तियों ने फोटो खिंचवाई, जिनमें से एक चरखे के सामने शामिल थी।

दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद महात्मा गांधी ने अपना पहला आश्रम अहमदाबाद के कोचराब में मई 1915 में स्थापित किया था जिसे जून 1917 में साबरमाती नदी के किनारे स्थानांतरित कर दिया गया।

साबरमती आश्रम 1917 से लेकर 1930 तक महात्मा गांधी का घर और भारत के स्वतंत्रता संघर्ष का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा।

शिन्जो और उनकी पत्नी ने बुधवार को अपने दौरे के दौरान आश्रम की आगंतुकों की पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए।

इससे पहले मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए व्यक्तिगत तौर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल हवाई अड्डे पर जाकर आबे का जोरदार स्वागत किया।

इस दौरान आबे को गार्ड ऑफ अॉनर दिया गया साथ ही देश के भिन्न-भिन्न कोनो से आए कलाकारों ने विभिन्न कार्यक्रम पेश किए।

दोनों नेता और अकी आबे एक खुली जीप में सवार होकर हवाईअड्डे से ऐतिहासिक साबरमती आश्रम के लिए निकले, जहां उन्होंने आठ किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय किया।

मोदी और आबे गुरुवार को साबरमती रेलवे स्टेशन के पास एथलेटिक स्टेडियम में महत्वाकांक्षी 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) की अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट की नींव रखेंगे।

इसके बाद, दोनों नेता गांधीनगर में 12वीं वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसमें कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।

यह सम्मेलन मोदी और आबे के बीच चौथा वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा, जहां दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी के ढांचे के तहत बहुमुखी सहयोग में प्रगति की समीक्षा की जाएगी।

जापान उन दो देशों में से एक है, जिनके साथ भारत के ऐसे वार्षिक शिखर सम्मेलन होते हैं, दूसरा देश रूस है।

दोनों देशों के प्रधानमंत्री भारत-जापान बिजनेस लीडर फोरम में भी शामिल होंगे।

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नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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