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अन्तर्राष्ट्रीय

मोदी, शी डोकलाम का दोहराव न होने देने पर सहमत

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शियामेन, 5 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मंगलवार को यहां एक प्रभावी और लाभकारी द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भविष्य में डोकलाम जैसी घटनाएं न दोहराई जाएं।

डोकलाम विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच बीते दो महीने से चल रहा गतिरोध हाल ही में ही सुलझा लिया गया है। इस गतिरोध के समाप्त होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी।

मंगलवार को समाप्त हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से अलग एक घंटे तक चली द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने अपनी घुमावदार सीमा पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर चर्चा की।

मोदी ने बैठक के बाद ट्वीट किया, राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात। हमारे बीच भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभावी वार्ता हुई।

मोदी ने सफल तीन दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित करने और शानदार मेहमान नवाजी के लिए चीनी सरकार और चीनी जनता का आभार जताया।

शी ने कहा कि चीन और भारत के बीच स्वस्थ व स्थिर संबंध इन दोनों देशों के लोगों के मूल हितों के अनुरूप हैं।

उन्होंने मोदी से कहा, चीन राजनीतिक आपसी विश्वास में सुधार, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग और सही मार्ग पर चीन-भारत संबंधों को बढ़ावा देने के लिए शांतिपूर्ण सहयोग के पांच सिद्धांतों के आधार पर भारत के साथ काम करने को तैयार है।

बैठक के प्रारंभ में मोदी ने शी को ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि शी-मोदी मुलाकात रचनात्मक रही।

उन्होंने कहा, कुल मिलाकर मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह मुलाकात रचनात्मक रही है।

जयशंकर के अनुसार, मुझे लगता है कि बैठक के दौरान महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक यह रहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में शांति ही हमारे द्विपक्षीय संबंधों के आगे और विकास की शर्त है।

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि दोनों पक्षों के बीच विश्वास का आपसी स्तर बढ़ाने और मजबूत करने के लिए अधिक प्रयास किए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है कि बड़ी शक्तियों के बीच मतभेद के कई कारण होंगे और इन्हें पारस्परिक सम्मान के साथ सुलझाया जाना चाहिए।

जयशंकर ने कहा, रक्षा और सुरक्षा कर्मियों का मजबूत संपर्क और सहयोग बना रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हाल ही में पैदा हुई स्थिति दोहराई न जाए।

जयशंकर ने कहा, हम दोनों (भारत और चीन) जानते हैं कि क्या हुआ। इसलिए पिछली स्थिति पर कोई चर्चा नहीं हुई। भविष्य की स्थितियों पर वार्ता हुई।

जयशंकर से जब पूछा गया कि क्या मोदी ने पाकिस्तान में रह रहे जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ प्रतिबंध और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाया? उन्होंने कहा कि इस पर कोई बातचीत नहीं हुई।

भारत की राजनयिक जीत के रूप में सोमवार को शियामेन ब्रिक्स घोषणा-पत्र में आईएस और अल कायदा के साथ जेईएम और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) दोनों का नाम शामिल किया गया है, जो पाकिस्तानी हैं और भारत में आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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