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मोदी सरकार जनविरोधी नीतियां अपना रही : विपक्षी नेता

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नई दिल्ली, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| विपक्षी नेताओं ने सोमवार को मोदी सरकार पर जनविरोधी नीतियां अपनाने और ईंधन व दूसरे जरूरी सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी पर चुप रहने के अलावा विभिन्न मुद्दों पर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता शरद पवार ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के शासन में लोगों को ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी कर धोखा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जन विरोधी मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने की शुरुआत हो चुकी है।

शरद पवार ने पेट्रोल व डीजल कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ रामलीला मैदान में विपक्ष की एक संयुक्त विरोध प्रदर्शन रैली को संबोधित किया।

पवार ने कहा कि सत्ता गलत हाथों में चली गई है और सरकार का विरोध करने वाली पार्टियों को साथ मिलकर इसे हटाने के लिए कार्य करना चाहिए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमें बदलाव लाना है। अगर बदलाव लाना है तो सभी राजनीतिक पार्टियां, जो लोगों के हितों की रक्षा के लिए काम कर रही हैं, को साथ मिलकर जनविरोधी सरकार को हटाने के प्रयास करने होंगे। अगर हम आगे बढ़ने को तैयार हैं तो हमें लोगों का समर्थन मिलेगा.. सत्ता गलत हाथों में चली गई है और हम इससे देश को छुटकारा दिलाएंगे।

उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत सोमवार के विरोध प्रदर्शन से हो चुकी है, जिसे कांग्रेस ने आहूत किया था और इसे करीब 20 राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया।

भाजपा का नाम लिए बगैर पवार ने कहा कि वे लोग बीते चार सालों से सरकार चला रहे हैं, उन्हें भरोसा देना चाहिए कि रोजमर्रा की जरूरतों के सामानों की कीमतों को नियंत्रण में रखा जाए, लेकिन जो कदम उठाए जाने चाहिए थे, नहीं उठाए गए।

पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रविवार को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में दिए गए भाषण को लेकर उन पर हमला किया।

पवार ने कहा, वह अपनी सरकार की बहादुरी की बात करते हैं, लेकिन यह बहादुरी रुपये को गिरा रही है, इस बहादुरी से ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं और यह बहादुरी कुकिंग गैस की कीमतें बढ़ा रही हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भाजपा के आरोप का भी जवाब दिया और कहा कि बीते कई दशकों से ऐसा नहीं हुआ है और इस तरह के आरोप काफी चौंकाने वाले हैं।

उन्होंने कहा, तत्कालीन विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में कहा था कि इस तरह की टिप्पणी किसानों का अपमान है, जिन्होंने भारत को खाद्यानों के मामले में आत्मनिर्भर बनाया है और यह उन श्रमिकों का अपमान है, जिन्होंने औद्योगिक उत्पादन व निर्यात बढ़ाने के लिए काम किया है।

उन्होंने भाजपा द्वारा वाजपेयी को याद करने को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा, भाजपा ने वाजपेयी को उनके जीवित रहने पर याद नहीं किया। आज रोज उनका नाम लेने के बजाय भाजपा नेताओं को वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए उनके संदेशों का अनुसरण करना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस नेता सुखेंदु शेखर रॉय ने मोदी सरकार पर लोगों को हर मुद्दे पर धोखा देने का आरोप लगाया।

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एन.के.प्रेमचंद्रन ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक संगठनों का प्रदर्शन यह संकेत देता है कि पूरा देश आंदोलित है और सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।

इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल नेता जयंत चौधरी, झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता हेमंत सोरेन ने भी सरकार पर हमला बोला।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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