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मुख्य समाचार

मोदी सरकार जासूसी में संलिप्त : कांग्रेस

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)| आलोक वर्मा के आवास के बाहर इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के चार संदिग्धों के पकड़े जाने के बाद गुरुवार को कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर ‘जासूसी’ में संलिप्त होने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही पार्टी ने कहा कि एजेंसियों का ‘प्रत्यक्ष और बेशर्म’ तरीके से प्रयोग किया जा रहा है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा, “क्रूर बल, धमकी और अवैध लेन-देन के जोर पर एजेंसियों को अपने इशारे पर नचाना भाजपा की वास्तविक शैली है।”

उन्होंने कहा कि कथित रूप से आईबी के चार अधिकारियों को सुरक्षा गार्डो और वर्मा के निजी सुरक्षाकर्मियों ने गुरुवार सुबह दबोच लिया। वर्मा को प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर छुट्टी पर भेजा गया है।

उन्होंने कहा, “कैमरे पर स्पष्ट सबूत हैं कि आईबी से जुड़े कम से कम चार अधिकारी आज (गुरुवार) सुबह छुट्टी पर भेजे गए। संबंधित व्यक्ति के दरवाजे पर दबोचे गए।”

सिंघवी ने कहा, “आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी सरकार और सत्तारूढ़ सरकार के अध्यक्ष अमित शाह सीबीआई की शर्मनाक निगरानी में संलिप्त थे। यह और कुछ नहीं बल्कि एजेंसियों का प्रत्यक्ष और बेशर्म प्रयोग है। इससे यह भी पता चलता है कि कैसे आईबी का घटिया राजनीतिक दुरुपयोग और हस्तक्षेप किया जाता है।”

उन्होंने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि आईबी, सीबीआई और केंद्रीय सतर्कता आयोग(सीवीसी) जैसी शीर्ष एजेंसियों के दैनिक कार्यो में हस्तक्षेप करने के लिए ‘तानाशाही, दुर्भावनापूर्ण और निरंकुश प्रयास’ है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी राफेल सौदे की जांच के खुलने से इतने डरे हुए और परेशान हैं कि उन्होंने सूरज के उगने का भी इंतजार नहीं किया और एकतरफा निर्णय कर वर्मा को छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया।

सिंघवी ने कहा, “मोदी आश्चर्यजनक तरीके से अपनी सरकार की ओर से राफेल घोटाले में गलत सौदे को छुपाने का स्पष्ट प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया, जिसके ऊपर अनुचित, पक्षपातपूर्ण सौदे और दुर्व्यवहार करने के आरोप हैं।”

इससे पहले दिन में कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सरकार पर हमला किया और कहा कि आईबी, सीबीआई की राह पर आगे बढ़ रही है।

सुरजेवाला ने कहा, “सीबीआई को ‘सेंट्रल ब्यूरियल ऑफ इंवेस्टिगेशन’ बनाने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार अब छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई के निदेशक की आईबी के जरिए जासूसी कराकर एक पायदान और नीचे गिर गई है।

सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “सभी को आगाह कर दें – आईबी, सीबीआई की राह पर आगे बढ़ रही है।”

 

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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