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मोरक्को : रूढ़ियों के बंधन तोड़ सपने साकार कर रहीं महिलाएं

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दखला (मोरक्को), 19 मार्च (आईएएनएस)| इस अफ्रीकी-अरब मुस्लिम देश में जहां महिलाओं को सिर से लेकर पैर तक पर्दे में ढके रहने की उम्मीद की जाती है, सार्वजनिक और सामाजिक जीवन में उन्हें प्रमुखता नहीं दी जाती, ऐसी दुनिया में मोरक्को की महिलाएं मीडिया सहित विभिन्न क्षेत्रों में अब सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

मोरक्को के दखला में क्रैंस मोंटाना फोरम (सीएमएफ) सम्मेलन में पुरुषों की तुलना में महिलाएं बेशक कम हैं, लेकिन वे हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं। सम्मेलन के आयोजकों से लेकर विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों को संभालने तक। यह मोरक्को के समाज में पनप रही उदारता का एक स्पष्ट प्रमाण है।

मोरक्को की एक युवा महिला पत्रकार कावत वाकिल ने क्रांस मोंटाना फोरम सम्मेलन से इतर आईएएनएस को बताया, मोरक्को में महिलाएं कई तरह की पेशेवर भूमिका निभा रही हैं, जिसमें पत्रकारिता भी शामिल है। मीडिया संस्थानों में महिला कर्मचारियों की संख्या पुरुषों के बराबर या उनसे अधिक है। इनमें से अधिकतर युवा महिलाएं हैं, जो पेशेवर तौर पर अच्छा काम कर रही हैं।

फ्रांस के लियॉन में रह रहीं और यूरोन्यूज टीवी चैनल के साथ काम कर रहीं वाकिल ने फोरम में अपनी कहानियां साझा की और इसमें भाग ले रहे प्रतिनिधिमंडलों का साक्षात्कार लिया।

वाकिल ने कहा, मैंने मोरक्को के प्रधानमंत्री, मंत्रियों और अन्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों का साक्षात्कार लिया और सम्मेलन में शामिल कुछ प्रमुख हस्तियों का भी साक्षात्कार लिया। मुझे अपना काम पसंद है।

वाकिल फिलहाल फ्रांस के एक टीवी चैनल में डिप्टी एडिटर है। वह इससे पहले मोरक्को में छह साल तक स्पोर्ट्स बीट पर काम कर चुकी हैं।

उन्होंने कहा, मोरक्को में मीडिया संस्थानों में अधिकतर महिलाओं को काम करते देखा जा सकता है। कई बार पुरुष सहयोगी महिलाओं से ईष्र्या करते हैं, लेकिन यह किसी भी पेशे का हिस्सा है। महिलाएं मोरक्को में सार्वजनिक जीवन में भी अच्छा कर रही हैं और उन्हें सम्मान भी मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पत्रकार बनने की अपनी इच्छा अपने परिवार से जाहिर की तो उनके पिता ने मना कर दिया था।

वह कहती हैं, लेकिन अब सभी खुश हैं।

काउतर दाहदोउ (29) की शादी हो चुकी है और उनकी एक साल की बेटी है। उन्होंने आईएएनएस से बात करने के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रम में से कुछ समय निकाला। उन्होंने कहा कि वह बहुत खुश है और एक पत्रकार और टीवी प्रस्तोता की अपनी भूमिका से खुश हैं।

मोरक्को में मेडि1टीवी चैनल के साथ काम कर रहीं और कासाब्लैंका में रह रहीं काउतर अपने काम और पेशे के बीच संतुलन बिठाना जानती हैं।

काउतर ने कहा, मोरक्को की लड़कियां बहुत होशियार, स्वतंत्र और गर्वीली होती हैं। मुझे यह पसंद है। मोरक्को में महिलाओं को बहुत सम्मान दिया जाता है। मैं जब पत्रकारिता की पढ़ाई के दौरान इंटर्नशिप कर रही थी तो मुझे नौकरी की पेशकश की गई थी।

काउतर राजनीति, अर्थव्यवस्था सहित लगभग सभी कुछ कवर करती हैं।

सीएमएफ स्थल पर हजारों की संख्या में महिलाएं पेशेवर पोशाकों में नजर आईं।

मोरक्को में पर्यटन प्रबंधन का कोर्स कर रही एक युवा महिला ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, यह हमारे लिए बहुत व्यस्त दिन है, लेकिन हम इस अनुभव का लुत्फ उठा रहे हैं, क्योंकि यह एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है।

अरबी और फ्रांसीसी भाषा बोलने वाली उनकी दोस्त ने इस पर रजामंदी जताई।

मोरक्को की महिलाओं को रेडियो पत्रकार इलहाम खालिफ बहुत पसंद हैं।

खालिफ ने कहा, एक समय में पत्रकारिता में महिलाओं की संख्या कम थी, लेकिन अब अधिकतर संस्थानों में महिलाएं, पुरुषों के समान ही हैं और अच्छा कर रही हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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