मुख्य समाचार
सीएम अखिलेश ने दिए संकेत, फरवरी में हो सकता है यूपी चुनाव
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को संकेत दिया कि विधानसभा चुनाव अगले वर्ष फरवरी में हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जल्द विधानसभा चुनाव चाहते हैं, तो वह भी इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
लोक भवन के सभागार में रविवार को आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं से चुनाव के लिए तैयार हो जाने की अपील की। समारोह में मुख्यमंत्री ने कॉफी टेबल बुक ‘यूपी : द ग्रोथ फैक्ट्री’ सूचना विभाग की उर्दू समाचार पत्रिका ‘नई उमंग’ तथा आईएएस अधिकारी डॉ. हरिओम के गजल संग्रह ‘ख्वाबों की हंसी’ का विमोचन किया।
उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यूपी के विकास में संतुलन कायम किया गया है। बिना भेदभाव के सभी क्षेत्रों का उनकी सरकार ने विकास किया है। मेट्रो बनवाया तो लखनऊ -आगरा एक्सप्रेस वे को भी बनाने का काम किया गया है। जिलों को फोरलेन से भी जोड़ा गया है। उनकी सरकार ने साइकिल भी सस्ती की है।
अखिलेश ने कहा कि सरकार ने कोशिश की है कि हर काम का लाभ सभी तबके को मिले। मोदी सरकार का नाम लिए बिना अखिलेश ने कहा कि अच्छे दिन लाने के नाम पर सत्ता में आए लोगों ने एक भी अच्छा काम नहीं किया है।
उत्तर प्रदेश
कौन है भोले बाबा, जिनके सत्संग में मची भगदड़ में गई सैकड़ों जानें
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा भोले के सत्संग में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंच गई है। जबकि 200 से ज्यादा घायल हैं। मृतकों में अभी कईयों की पहचान नहीं हो पाई है। इसके लिए प्रशासन की ओर मृतकों की सूची जारी की गई है। इस बीच एक सवाल उठने लगा है कि आखिर वह भोले बाबा कौन है, जिनका सत्संग सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थें।भोले बाबा के नाम से विख्यात बाबा पश्चिमी यूपी में काफी लोकप्रिय हैं। इनका सत्संग सुनने के लिए आसपास के राज्यों से भी लोग आते हैं और लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हैं।
भोले बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था। पटियाली तहसील में गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को गुप्तचर यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मचारी बताते हैं। उनका दावा है कि 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे। उनका दावा है कि 18 साल की नौकरी से VRS लेने के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ। नौकरी से त्यागपत्र देकर सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गए। पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित समाज में तेजी से प्रभाव बनाने वाले भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है। बताया जाता है कि कई IAS-IPS भी उनके भक्त हैं। उनके सत्संग नें बड़े नेता और अधिकारी भी पहुंचते हैं। भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं।
आपको बता दें कि भोले बाबा अन्य लोगों की तरह भगवाधारी ना होकर सफेद सूट और सफेद जूता पहनते हैं। इसके उलट बाबा के सेवादार काले कपड़ों में दिखाई देते हैं। ये सेवादार प्रत्येक मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी जैसे भोजन, पानी और ट्रैफिक संभालते हैं। बाबा की खासियत है कि भले ही उनके सोशल मीडिया पर ढेरों फालोवर ना हों लेकिन जमीनी स्तर पर बाबा के लाखों भक्त हैं।
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