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अन्तर्राष्ट्रीय

लश्कर, जैश के विशेष आतंकी क्षेत्र खत्म हों : भारत

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संयुक्त राष्ट्र, 21 नवंबर (आईएएनएस)| भारत ने कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिरता और सुरक्षा पूरे क्षेत्र से जुड़ी है। अपने इस कथन के साथ ही भारत ने पाकिस्तान में मौजूद ‘विशेष आतंकवादी क्षेत्रों’ का सफाया करने की मांग की है, जहां लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकवादी संगठनों ने अपने ठिकाने बना रखे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के स्थायी उपप्रतिनिधि तन्मय लाल ने सोमवार को एक चर्चा के दौरान कहा, अंतर्राष्ट्रीय कानून के खिलाफ गतिविधियां संचालित करने वाले तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, इस्लामिक स्टेट (आईएस), अलकायदा और एलईटी और जेईएम जैसे उसके सहयोगी गुटों को अफगानिस्तान के बाहर जो समर्थन मिलता है, उससे निपटने की जरूरत है।

लाल ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, अफगानिस्तान के बाहर मौजूद विशेष आतंकवादी क्षेत्रों, सुरक्षित पनाहगाहों और शरणस्थलों को खत्म करना जरूरी है।

उन्होंने कहा, वैश्विक आतंकवाद से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के व्यापक, अटल और एकजुट कदम की जरूरत है।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता पूरे क्षेत्र से जुड़ी है।

लाल ने क्षेत्र में आतंकवाद से लड़ने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में नाकाम रहने को लेकर संयुक्त राष्ट्र की आलोचना भी की।

लाल ने कहा, इस समय जब इस विषय पर चर्चा जारी है, हमें अफगानिस्तान को आईएस से नए खतरों के बारे में पता चला है।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में जहां आतंकवादी हमलों की व्यापकता बेतहाशा बढ़ गई है और आतंकवादी अफगानिस्तान के लोगों के संसाधनों और इलाकों पर कब्जा जमा रहे हैं, यहां इस निकाय में हमें कोई बड़ा बदलाव नजर नहीं आ रहा।

उन्होंने कहा, सुरक्षा परिषद में अभी भी इस बात पर बहस हो रही है कि नए (आतंकवादी) सरगनाओं के नाम (प्रतिबंधित सूची में) जोड़े जाएं या नहीं या तालिबान के मृत सरगना की संपत्ति जब्त की जाए या नहीं।

अफगानिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को तालिबान के नए सरगना मुल्ला हैबतुल्ला अखुन्दजदा को प्रतिबंधित सूची में डालने को कहा है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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