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मुख्य समाचार

लालू ने रांची सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण किया

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रांची, 30 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाला मामले में अपनी सजा काटने के लिए गुरुवार को विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

लालू प्रसाद ने न्यायाधीश एस.एस. प्रसाद के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिन्होंने आदेश दिया कि उन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेजा जाए।

न्यायाधीश ने कहा कि जेल से बाद में उन्हें राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में इलाज के लिए शिफ्ट किया जा सकता है।

झारखंड उच्च न्यायालय ने उन्हें 24 अगस्त को 30 अगस्त तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। वह 11 मई से अंतरिम जमानत पर थे।

अदालत में आत्मसमर्पण करने के लिए राजद प्रमुख बुधवार देर शाम झारखंड पहुंचे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के प्रमुख हेमंत सोरेन व झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक के प्रमुख बाबूलाल मरांडी सहित राज्य के नेताओं ने लालू से यहां एक गेस्ट हाउस में मुलाकात की, जहां वह ठहरे हुए थे।

आत्मसमर्पण से पहले लालू ने संवाददाताओं से कहा, मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है।

दिसंबर 2017 में चारा घोटाले के मामले में दोषी साबित होने के बाद वह रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में थे।

जनवरी और मार्च में उन्हें दो और मामलों में दोषी पाया गया और 14 साल के कारावास की सजा सुनाई गई।

साल 2013 में लालू को पहले चारा घोटाले के मामले में दोषी पाया गया था और पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

लालू 1990 के दशक में जब बिहार के मुख्यमंत्री थे, उस समय करोड़ों रुपये का चारा घोटाला सुर्खियों में रहा। पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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