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बिजनेस

विकास के लिए गोदरेज करेगी अधिग्रहण

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कोलकाताह गोदरेज समूह के अध्यक्ष आदि गोदरेज ने यहां मंगलवार रात संवाददाताओं से एक अनौपचारिक बातचीत में कहा, “2050 तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2040 तक मेरे खयाल से भारत अमेरिका से भी आगे निकल जाएगा।”

उन्होंने कहा कि चीन लंबी अवधि में अमेरिका से आगे निकलेगा, लेकिन भारत अपनी जनसांख्यिकी ताकत के बल पर विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुंबई का कंपनी समूह अधिग्रहण और कारोबारी गतिविधि बढ़ाकर 2020 तक हर साल 20 फीसदी की दर से विकास करने की उम्मीद कर रहा है।

कंपनी को बिक्री में 26 फीसदी बढ़त की उम्मीद है और वह डार्लिग ग्रुप होल्डिंग्स (डीजीएच) का अधिग्रहण करने के लिए बातचीत चल रही है। डीजीएच का कारोबार अफ्रीका के 14 देशों में फैला हुआ है।

गोदरेज ने कहा, “यह एक धीमी प्रक्रिया होगी। हम चरणबद्ध तरीके से अधिग्रहण करना चाहते हैं। अभी इस कंपनी में हमारी 51 फीसदी हिस्सेदारी है।”

उन्होंने हालांकि सौदे की कीमत नहीं बताई।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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