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विदाई भाषण में विपक्ष से बर्ताव पर सरकार को नसीहत दे गए अंसारी

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| सेवानिवृत्त हो रहे उप-राष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने गुरुवार को अपने विदाई भाषण में देश के पहले उप राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन को उद्धृत करते हुए कहा कि ‘अगर विपक्ष को निष्पक्ष तरीके से, स्वतंत्रता के साथ और बेबाकी से अपनी बात रखने की इजाजत नहीं दी गई तो लोकतंत्र, निरंकुश शासन में बदल जाएगा’।

उप राष्ट्रपति के तौर पर आखिरी दिन अंसारी ने राज्यसभा में दिए अपने विदाई भाषण में कहा कि राज्यसभा संविधान द्वारा गठित है और इसके संस्थापक चाहते थे कि ऊपरी सदन देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करे, हड़बड़ी में बिना पर्याप्त विचार विमर्श के लाए गए कानूनों पर रोक लगाए।

अंसारी ने कहा, राज्यसभा को देश के कार्य में बाधक नहीं बनना चाहिए और वास्तव में यह सदन अपरिहार्य रूप से बुद्धिमत्तापूर्ण कार्य की शुरुआत से जुड़ा है।

अंसारी ने देश के पहले उप राष्ट्रपति राधाकृष्णन को उद्धृत करते हुए कहा, एक लोकतंत्र की विशिष्टता इससे पता चलती है कि वह अपने अल्पमत को कितनी सुरक्षा मुहैया कराता है। अगर विपक्षी धड़ों को निष्पक्षता से, स्वतंत्रतापूर्वक और बेबाकी से सरकार की नीतियों की आलोचना करने की इजाजत नहीं दी जाती है तो कोई भी लोकतंत्र, निरंकुश शासन में बदल जाएगा।

उन्होंने कहा, लेकिन, इसके साथ ही अल्पमत को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्हें भी आलोचना करने का पूरा अधिकार है, लेकिन उनके इस अधिकार के चलते सदन की कार्यवाही को जानबूझकर बाधित या प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए। इसीलिए सभी समूहों के पास अधिकार हैं तो जिम्मेदारियां भी हैं।

अंसारी ने कहा, देश के इन स्वर्णिम मूल्यों से भटकाव न तो सम्मानजनक नीतिनिर्माण में योगदान देने वाला साबित होगा और न ही हम खुद को परिपक्व लोकतंत्र कह पाएंगे।

अंसारी ने 10 साल पहले इस सदन में हुए अपने स्वागत को याद करते हुए कहा कि एक प्रतिष्ठित नेता (जिनका नाम अंसारी ने नहीं लिया) ने उन्हें सलाह दी थी कि सदन में चाहे जितना हंगामा हो, सभापति को हमेशा मुस्कुराना चाहिए, क्योंकि एक मुस्कान सबको जीत सकती है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी राजनयिक अंतर्दृष्टि की प्रशंसा की।

मोदी ने कहा कि अंसारी अपने पीछे कई बेहतरीन यादें छोड़कर जा रहे हैं और उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, आप एक करियर राजनयिक रहे हैं..इसका क्या मतलब होता है, यह मुझे प्रधानमंत्री बनने पर समझ में आया। आपको गौर से देखकर मैंने एक करियर राजनयिक के व्यवहार को समझा।

उन्होंने कहा, आपका राजनयिक ज्ञान अमूल्य था, खासकर तब..जब मैंने अपने द्विपक्षीय दौरों के पहले और बाद में आपसे चर्चा की। मैं आपकी अंतर्दृष्टि की प्रशंसा करता हूं। देश को आगे बढ़ाने के लिए मैं आपका और आपकी प्रतिभा का आभारी हूं।

वित्तमंत्री व राज्यसभा नेता अरुण जेटली ने कहा कि सदन के प्रतिष्ठित अध्यक्ष के रूप में 10 साल पूरे करने के बाद अंसारी को विदाई देना भावुक अवसर है।

जेटली ने कहा, सार्वजनिक जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में आपका अनुभव रहा है, लेकिन राजनीतिक बिरादरी को संभालना एक अलग अनुभव था। उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी चुनौतीपूर्ण रहा कि यह सदन (राज्यसभा) 1950 और 60 के दशक जैसा नहीं रहा है, अब इसका चरित्र बदल चुका है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी अंसारी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि अन्य सभापतियों के मुकाबले वह सर्वश्रेष्ठ हैं।

आजाद ने कहा, आप कूटनीति के साथ सत्र चलाते रहे। आप एक खिलाड़ी भी हैं। मुझे लगता है कि अब आपको गोल्फ खेलने का समय मिलेगा। मैं अल्लाह से आपकी लंबी उम्र की दुआ करता हूं।

अंसारी कई देशों में भारतीय राजदूत के तौर पर काम कर चुके हैं और वह संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे हैं। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति भी रह चुके हैं।

हालांकि, अंसारी द्वारा एक दिन पहले अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना होने की बात पर उनके उत्तराधिकारी वेंकैया नायडू ने सवाल उठाया है।

उधर, अंसारी के उत्तराधिकारी चुने गए एम. वेंकैया नायडू ने अंसारी का नाम लिए बगैर संवाददताओं से कहा कि अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना होने की बात राजनीति से प्रेरित है।

नायडू ने कहा, भारत दुनिया का सर्वाधिक सहिष्णुता वाला देश है और देश के मुस्लिमों में असुरक्षा जैसी कोई भावना नहीं है। कुछ लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यह राजनीतिक दुष्प्रचार है। पूरी दुनिया से तुलना कर लीजिए, भारत में अल्पसंख्यक सर्वाधिक सुरक्षित हैं और उन्हें उनका अधिकार मिल रहा है।

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महाराष्ट्र के वाशिम में बोले सीएम योगी- ‘बंटिए मत, बंटे थे तो कटे थे’, एक हैं तो सेफ हैं

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वाशिम। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के वाशिम में एक जनसभा को संबोधित किया। यहां उन्होंने एक बार अपना पुराना बयान दोहराया। सीएम योगी ने कहा कि बंटिए मत, क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं। अपनी ताकत का एहसास करवाइए, जातियों में मत बंटना। इस दौरान सीएम योगी ने अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अभी भगवान राम ने दिवाली का आनंद लिया है। पूरी दुनिया ने देखा कैसे अयोध्या दीपों से जगमगा रही थी। ये तो शुरूआत है, केवल अयोध्या ही नहीं, अब तो हम काशी और मथुरा की तरफ भी बढ़ चुके हैं।

सीएम योगी ने आगे कहा कि वाशिम विधानसभा क्षेत्र में उमड़ा यह अपार जन सिंधु महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस दुष्ट अफजल को मार गिराया था उसके नाम पर औरंगाबाद का नाम होना, याद करना इसको हटना ही चाहिए था, इसे संभाजीनगर के रूप में पहचान मिलनी ही थी। छत्रपति शिवाजी महाराज का संघर्ष हो या संभाजी महाराज का, हमें नई प्रेरणा देता है। छत्रपति शिवाजी महाराज हम सबको एकजुट करके लेकर गए थे। हर भारतवासी को अपने साथ जोड़े थे। अपनी सेना का हिस्सा बनाए थे।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में दो महा गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरफ महायुति गठबंधन है और दूसरी और महा अघाड़ी के रूप में ‘महाअनाड़ी’ गठबंधन है। मैं अनाड़ी इसलिए कहता हूं जिसे राष्ट्र की चिंता नहीं हो, वह अनाड़ी ही होगा। एक समय था जब आतंकवादी देश में घुसकर विस्फोट करते थे, आज पीएम मोदी के नेतृत्व में कोई सीमा पर अतिक्रमण करता है तो उसका राम नाम सत्य हो जाता है। सीएम योगी ने वाशिम में शिवाजी बनाम औरंगजेब का वैचारिक मुद्दा उठाकर हिन्दुत्व को तेज धार देने वाली स्पीच दी।

योगी ने कहा कि जिस तरह से वाशिम विधानसभा क्षेत्र में लोग उमड़े हैं, यह महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ताएं तो आएंगी-जाएंगी, लेकिन हमारा ‘भारत’ रहना चाहिए और ‘भारत’ दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनना चाहिए। विपक्षी कहते थे राम हुए नहीं, कृष्ण हुए नहीं, आज भले ये चुनाव में कह रहे हो लेकिन इन पर भरोसा मत करिएगा। राम हमारी रग-रग में हैं, कण-कण में हैं। इसके अलावा सीएम योगी ने आगे कहा कि बंटिए मत! क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं।

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