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विनिर्माण क्षेत्र की तेजी से जीडपी वृद्धि दर 8.2 फीसदी
नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)| चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में आई तेजी से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
यह जानकारी शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से मिली। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से आधार वर्ष 2011-12 की कीमत स्तर पर जारी जीडीपी के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में देश की आर्थिक विकास दर 8.2 फीसदी रही, जबकि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.7 फीसदी दर्ज की गई। बीते वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.6 फीसदी दर्ज की गई।
सांख्यिकी व कार्य कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के मुकाबले चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में सात फीसदी से ज्यादा विकास दर दर्ज करने वाले विनिर्माण क्षेत्रों बिजली, गैस, जलापूर्ति व युटिलिटी सेवाएं, निर्माण व लोक प्रशासन, प्रतिरक्षा व अन्य सेवाएं शामिल हैं।
कृषि, वन मछली पालन जैसे प्राथमिक क्षेत्र की आर्थिक विकास दर (सकल मूल्य वर्धित)2018-198 की पहली तिमाही में 5.3 फीसदी रही, जबकि बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तीन फीसदी थी।
वहीं विनिर्माण क्षेत्र की आर्थिक विकास दर बीती तिमाही में 13.5 फीसदी दर्ज की गई जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में ऋणात्मक अंकों में 1.8 फीसदी थी।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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