मुख्य समाचार
वीएमवेयर डाटा के स्थानीयकरण की भारत की मांग को मानने को तैयार
लॉस वेगास, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी वीएमवेयर का कहना कि यूजर के डाटा का संग्रह करने के लिए बड़े सेवा प्रदाताओं द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाले सर्वर को स्थानीय बनाने की भारत सरकार की मांग से उसे कोई दिक्कत नही हैं।
वीएमवेयर का राजस्व 7.9 अरब डॉलर है। कंपनी ने अपनी क्लाउड की शाखा अमेजॉन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) पर पब्लिक क्लाउड सेवा प्रदान करने के लिए अमेजन के साथ समझौता किया है। वीएमवेयर ने इस बात पर जोर दिया कि उसे स्थानीय कानून का अनुपालन करने में कोई कठिनाई नहीं है।
वीएमवेयर के ग्राहक संचालन विभाग के मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) संजय पूनेन ने वीएमवर्ल्ड 2018 सम्मेलन में पहुंचे भारत के कुछ पत्रकारों के एक समूह को बताया, हम किसी देश के स्थानीय कानून का लाभ लेने के विचार से वहां नहीं जाते हैं। सामान्य तौर पर हम उनको देखते हैं और मान लेते हैं।
भारत सरकार की एक समिति इस समय स्थानीय डाटा को देश में ही संग्रहित रखने को लेकर दिशानिर्देश पर कार्य कर रही है।
वीएमवेयर में प्रोडक्ट्स और क्लाउड सर्विसेज के मुख्य संचालन अधिकारी राजीव रामास्वामी ने कहा, हम किसी क्षेत्र में डाटा को संग्रहित रखते हुए वहां काम कर सकते हैं। हमें सरकार को उसकी वांछित सूचना मुहैया करवाने में खुशी होगी।
उन्होंने कहा कि वीएमवेयर शासन-व्यवस्था और अनुपालन की समस्या को लेकर बड़े क्लाउड प्रदाताओं की कोई मदद नहीं करता है।
रामास्वामी ने कहा, लेकिन स्थानीय कानून अगर बड़े क्लाउड प्रदाता से ब्योरा प्राप्त करने की अनुमति प्रदान करता है तो उसे उसका अनुपालन करना होगा।
केरल में पैदा हुए पूनेन का कहना है कि चीन और भारत वीएमवेयर के ऑपरेशन के लिए बहुत महत्पूर्ण अर्थव्यवस्था हैं। कंपनी का सबसे बड़ा अनुसंधान व विकास (आरएंडडी) केंद्र बेंगलुरु में है जहां से कई अत्याधुनिक उत्पाद निकल कर आए हैं।
उन्होंने कहा कि वीएमवेयर का कार्यबल भारत में बढ़ने वाला है।
पूनेन ने कहा, हमारा मानना है कि भारत में बहुत बड़ा अवसर आ रहा है और यह एडब्ल्यूएस व वीएमवेयर के लिए उचित जगह है। पूनेन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भारतीय कारोबारियों द्वारा प्राइवेट क्लाउड, स्थापित करने का मतलब है।
हालांकि उन्होंने कहा कि भारत में अगर कोई आपदा निवृत्ति के क्षेत्र में कारोबार कर रहा है तो उसे करना चाहिए।
पूनेन ने कहा कि भारत में डिजिटलीकरण की दिशा में काफी तेजी आ रही है और नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों से निवेश हासिल करने में दिलचस्पी दिखाई है। पूनेन ने कुछ भारत के मंत्रियों और नौकरशाहों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि सिलिकन वैली की कंपनियों में शीर्ष पदों पर रहने वाले भारतवंशी मिलकर भारत के मंत्रियों की मेजबानी करते रहे हैं, जिन्होंने अक्सर देश में निवेश की इच्छा जताई है।
पूनेन ने कहा, जैसाकि हम सभी जानते हैं कि समस्या नौकरशाही और भ्रष्टाचार को लेकर है। अगर कोई मिटा सकता है तो यह लाभप्रद होगा।
पूनेन से जब यह पूछा गया कि क्या अमेजन जैसी कंपनी के साथ जाने पर क्या इससे वीएमवेयर सीमित नहीं हो जाएगा, तो उन्होंने कहा, हम महज एक साल से एक साथ हैं, जबकि हम शीर्ष स्थान पर रहने वाले कारोबारियों के साथ काम करने लगे हैं और हमारी बाजार हिस्सेदारी 40 फीसदी हो गई है।
भविष्य में वे अन्य कारोबारियों के साथ जा सकते हैं, जिनके बारे में वे हमेशा बात करते हैं। ऐसे कारोबारी हैं माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, आईबीएम जो बड़े पब्लिक क्लाउड स्थापित कर चुके हैं और अपने कारोबार का विस्तार कर रही हैं।
वीएमवेयर भविष्य में चीन में अलीबाबा के साथ भी जा सकते हैं, हालांकि इस संबंध में कुछ भी ठोस बात उभरकर नहीं आई है।
रामास्वामी ने कहा कि भारत में वीएमवेयर/एडब्ल्यूएस क्लाउड सेवा की मांग अभी आरंभिक दौर में है, लेकिन अधिकांश कंपनियां वर्चुअलाइजेशन के सफर की शुरुआत करना चाहती है।
उन्होंने कहा, भारतीय स्टेट बैंक, भारती एयरटेल, बुकमाइशो जैसे संगठन सचमुच अन्य कंपनियों से आगे हैं।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
-
लाइफ स्टाइल3 days ago
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
-
नेशनल3 days ago
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के नतीजे जारी, अध्यक्ष पद पर NSUI के रौनक खत्री ने दर्ज की जीत
-
नेशनल2 days ago
महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?
-
नेशनल3 days ago
केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के
-
नेशनल2 days ago
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
-
वीडियो3 days ago
VIDEO: गले से नोटों की माला चुराकर भाग रहे चोर को दूल्हे ने डाले पर चढ़कर पकड़ा, फिर कर दी कुटाई
-
खेल-कूद2 days ago
IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति