मुख्य समाचार
संसदीय समिति के सामने पेश हुए आरबीआई गवर्नर, कड़े सवालों पर साधी चुप्पी
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को एक संसदीय समिति को बताया कि नोटबंदी की घोषणा के बाद से 9.2 लाख करोड़ रुपये के नए नोट जारी किए जा चुके हैं। वित्त मामलों की स्थायी समिति के सदस्य सौगत रॉय ने आरबीआई गवर्नर के साथ हुई बैठक के बाद कहा, “जब उनसे पूछा गया कि कितने रुपये के नए नोट जारी किए गए, तो उन्होंने बताया कि नौ लाख करोड़ से अधिक राशि के नए नोट अब तक जारी कर दिए गए हैं।”
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने बताया, “आरबीआई गवर्नर ने बताया कि केंद्र सरकार ने आरबीआई को नोटबंदी का सुझाव दिया था। इसके बाद बोर्ड ने राय मशविरा कर नोटबंदी का फैसला लिया।” रॉय ने कहा, “नोटबंदी के बाद कितनी राशि के पुराने अमान्य करार कर दिए नोट बैंकों में जमा हुए, पूछने पर उर्जित ने बताया कि अभी वह सही-सही आंकड़े नहीं दे सकते, क्योंकि गणना का काम अभी चल रहा है।”
विपक्षी दल के सदस्यों के अनुसार, उर्जित यह बताने में भी असमर्थ रहे कि स्थिति कब तक सामान्य होगी..और आरबीआई के अन्य अधिकारी बचाव की मुद्रा में रहे। वित्त मामलों की स्थायी समिति की इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सभी विभागों के सचिव तथा बैंक संघों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कांग्रेस सांसद वीरप्पा मोइली इस संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं।
आरबीआई ने अब तक नहीं बताया कि अवैध करार दे दिए गए 15.44 लाख करोड़ रुपयों में से कितनी राशि बैंकों में वापस आ चुकी है। इससे पहले सात दिसंबर, 2016 को मौद्रिक नीति पर संवाददाता सम्मेलन में डिप्टी गवर्नर आर. गांधी ने बताया था कि नोटबंदी के बाद छह दिसंबर, 2016 तक चार लाख करोड़ रुपये के नए नोट जारी किए जा चुके हैं, जिसमें से 1.06 लाख करोड़ रुपये की राशि 100 रुपये से लेकर उससे कम राशि के नोटों के रूप में जारी हुए तथा 2.94 लाख करोड़ रुपये की राशि 500 और 2,000 रुपये के नए नोटों के रूप में किए गए।
आरबीआई ने इसके बाद 19 दिसंबर, 2016 को जारी नए आंकड़ों में कहा था कि नोटबंदी के बाद से कुल 5.93 लाख करोड़ रुपये की राशि के नोट जारी किए गए हैं।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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