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मुख्य समाचार

सपनों के रंगीन कैनवास में बदल गई दिल्लीे की स्लम बस्ती

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नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)| कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ), बटन मशरूम और शालीमार पेंट्स के सहयोग से नई दिल्ली स्थित चाणक्यपुरी की स्लम बस्ती संजय कैम्प में ‘रंग बदलाव के’ (पेंट द चेंज) नामक रंग महोत्सव का 14 अक्टूबर को समापन हो गया।

चार दिन के इस महोत्सव में छात्रों, स्वयंसेवकों और कलाकारों ने जिस तरह से बदलाव के रंग दिखाए, उससे न सिर्फ छोटा-बड़ा और अमीरी-गरीबी की सारी दीवारें गिरती दिखीं, बल्कि इस महोत्सव के माध्यम से सहयोग का रंग भी प्रकट हुआ।

इस महोत्साव का मुख्य उद्देश्य बस्ती वालों के जीवन में बदलाव के रंग दिखाना था। चार दिन का यह महोत्सव 6, 7, 13 और 14 अक्टूबर को आयोजित किया गया। इस अभिनव पहल ने सैकड़ों छात्र, स्वयंसेवकों और कलाकारों को स्लम समुदाय को एक जीवंत रूप देने का अवसर मुहैया कराया।

यह कार्यक्रम बाल मित्र मंडल (बीएमएम) परियोजना का एक हिस्सा है, जिसे नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने शुरू किया था। बीएमएम एक शहरी परियोजना है, जिसमें शहर की स्लम बस्तियों में रहने वाले बच्चों के अनुकूल विकास और निर्माण पर जोर दिया जाता है। इस परियोजना का उद्देश्य है कि शहर का हरेक बच्चा स्वस्थ, सुरक्षित, स्वतंत्र और शिक्षित हो।

इस अवसर पर केएससीएफ के निदेशक राकेश सेंगर ने कहा, ” ‘रंग बदलाव के’ (पेंट द चेंज) समावेशी और समुदाय आधारित सेवा को बढ़ावा देने का एक छोटा-सा प्रयास है। दरअसल इस महोत्सव के जरिए हमने संजय कैम्प के निवासियों को मुख्यधारा के जीवन से जोड़ने का प्रयास किया है।”

उन्होंने कहा कि महोत्सव का मकसद बस्ती की दीवारों को रंगना भर नहीं है, बल्कि इसके जरिए स्लम बस्ती में रहने वाले बच्चों के सपनों को पंख देने का प्रयास है।

सामाजिक परिवर्तन अभियान के पहले भाग में शालीमार पेंट्स ने बदलाव के रंग दिखाए। शालीमार पेंट्स लिमिटेड अधिकारी मीनल श्रीवास्तव ने कहा कि यह पहल सकारात्मक परिवर्तन को चलाने और लोगों के जीवन को और बेहतर बनाने में योगदान देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है।

समापन समारोह में नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी लिखित और इंडियन ओशन द्वारा संगीतबद्ध गीत ‘हम निकल पड़े हैं’ को बजाया गया, जिस पर संजय कैम्प के बच्चों ने डांस प्रस्तुत किए।

 

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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